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SEBI इस दिन से T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन की टेस्टिंग करेगी शुरू

शेयर बाजार रेगुलेटर ‘सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया’ (SEBI) 28 मार्च से T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन की टेस्टिंग प्रारम्भ करेगी. इसे सुबह 9:15 बजे से दोपहर 1:30 बजे के बीच लॉन्च किया जाएगा.

सेबी की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, T+1 बाजार में हर 50bps की मूवमेंट के बाद बैंड को रिकैलिब्रेट किया जाएगा. इसका इस्तेमाल इंडेक्स और प्राइस सेटलमेंट कंप्यूटेशन के लिए नहीं होगा. T+0 सेटलमेंट में सिक्योरिटीज के ट्रेडिंग की क्लोजिंग प्राइस T+1 सेटलमेंट के समान ही होगी.

SEBI के सर्कुलर के 6 प्वॉइट्स

  • एलिजिबल इन्वेस्टर: सभी निवेशक जो बाजार इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (MII) की ओर से बताई गई टाइमलाइन, प्रोसेस और रिस्क की जरूरतों को पूरा करते हैं, वे T+0 सेटलमेंट साइकल में भाग लेने के लिए एलिजिबल हैं.
  • सर्विलांस के उपाय: T+1 सेटलमेंट साइकल में जो सर्विलांस मेजर्स लागू होते हैं, वहीं मेजर्स T+0 में शेयरों पर लागू होंगे.
  • ट्रेड टाइमिंग: सुबह 09:15 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक एक कंटिन्यू ट्रेडिंग सेशन लागू होगा.
  • प्राइस बैंड: T+0 सेटलमेंट में प्राइस T+1 बाजार की मूल्य से +100 बेसिस प्वॉइंट्स के साथ ऑपरेट होंगी. प्राइस बैंड को T+1 बाजार में प्रत्येक 50 बेसिस प्वॉइंट्स के मूवमेंट के बाद रिकैलिब्रेट किया जाएगा.
  • इंडेस्क कैलकुलेशन और सेटलमेंट प्राइस कंप्यूटेशन: T+0 सेटलमेंट में प्राइस को इंडेस्क कैलकुलेशन और सेटलमेंट प्राइस कंप्यूटेशन के अनुसार नहीं माना जाएगा. T+0 सेगमेंट में ट्रेडिंग के आधार पर सिक्योरिटीज के लिए अलग से कोई क्लोज प्राइस नहीं होगी.
  • ऑब्लिगेशन की नेटिंग: T+1 और T+0 सेटलमेंट साइकल के बीच पे-इन और पे-आउट ऑब्लिगेशन में कोई नेटिंग नहीं होगी.

एक सप्ताह पहले मिली थी मंजूरी
एक सप्ताह पहले ही, SEBI ने 28 मार्च से ऑप्शनल बेसिस पर T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन लागू करने को स्वीकृति दी थी. बीते शुक्रवार को बोर्ड की मीटिंग के बाद SEBI ने बोला कि बोर्ड ने 25 शेयरों के सीमित सेट के लिए और ब्रोकर्स के एक सीमित सेट साथ T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन को लॉन्च करने की स्वीकृति दी है.

क्या है T+0 सेटलमेंट का तरिका
वर्तमान में भारतीय शेयर बाजार सभी शेयरों के लिए T+1 सेटलमेंट साइकल पर काम करता है. T+0 का मतलब शेयर की खरीदारी और बिक्री का सेटलमेंट एक ही दिन में होगा. तीन महीने पहले बाजार रेगुलेटर ने इसके लिए कंसल्टेशन पेपर इश्यू किए थे और 12 जनवरी तक इसपर लोगों से राय मांगी थी.

क्या है T+1, T+2 और T+3 सेटलमेंट
सेटलमेंट सिस्टम का मतलब बायर्स के एकाउंट में शेयर्स का ट्रांसफर और सेलर एकाउंट में बेचे गए शेयरों का अमाउंट ट्रांसफर से है. भारतीय स्टॉक एक्सचेंज वर्तमान में T+1 को फॉलो करते हैं. इसका मतलब है कि ऑर्डर के एग्जीक्यूट होने के 24 घंटे में फंड और सिक्योरिटी आपके एकाउंट में आते हैं.

मान लीजिए कि आपने बुधवार को शेयर बेचे है. T+1 के मुताबिक 1 बिजनेस-डे में इन शेयरों के पैसे आपके एकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे. वहीं आपने शेयर खरीदे हैं तो ये शेयर 1 दिन में आपके डीमैट एकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे. यहीं नियम T+2 और T+3 सेटलमेंट में भी लागू होता है.

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