बिज़नस

2024 के पहले 3 माह में क्यों बढ़ी सोने की मांग…

Gold demand in 2024 : भारत की सोने की मांग कीमतों के ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचने के बावजूद मजबूत आर्थिक माहौल के दम पर जनवरी-मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 8 फीसदी बढ़कर 136.6 टन हो गई. इस साल जनवरी-मार्च में मूल्य के संदर्भ में हिंदुस्तान की सोने की मांग वार्षिक आधार पर 20 फीसदी बढ़कर 75,470 करोड़ रुपये हो गई. इसका कारण मात्रा में वृद्धि के साथ-साथ तिमाही औसत कीमतों में 11 फीसदी की वृद्धि भी है.

विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) ने मंगलवार को अपनी अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट ‘गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स क्यू1 2024’ जारी की. इसके अनुसार, हिंदुस्तान की कुल सोने की मांग, जिसमें आभूषण तथा निवेश दोनों शामिल हैं. इस वर्ष जनवरी-मार्च में बढ़कर 136.6 टन हो गई, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 126.3 टन थी.

भारत में सोने की कुल मांग में से आभूषणों की मांग 4 फीसदी बढ़कर 95.5 टन हो गई. कुल निवेश मांग (बार, सिक्के आदि के रूप में) 19 फीसदी बढ़कर 41.1 टन हो गई.

डब्ल्यूजीसी के हिंदुस्तान में क्षेत्रीय मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन जैन ने बोला कि सोने की मांग में वृद्धि हिंदुस्तानियों के सोने के साथ स्थायी संबंध की पुष्टि करती है. उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान का लगातार मजबूत वृहद आर्थिक परिवेश सोने के आभूषणों की खपत के लिए सहायक रहा, हालांकि मार्च में कीमतें ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गईं. इससे तिमाही खत्म होने पर बिक्री कम हुई.

जैन को आशा है कि इस साल हिंदुस्तान में सोने की मांग 700-800 टन के आसपास रहेगी. उन्होंने बोला कि यदि कीमतों में तेजी जारी रहती है तो मांग इस सीमा के निचले स्तर पर हो सकती है. 2023 में राष्ट्र में सोने की मांग 747.5 टन थी.

मांग वृद्धि को बढ़ावा देने वाले कारकों के बारे में पूछे जाने पर जैन बोला कि ऐतिहासिक रूप से, हिंदुस्तान और चीन सहित दुनिया के पूर्वी बाजार में तब्दीली तब आती है जब कीमतें नीचे जा रही होती हैं और उतार-चढ़ाव होता है, जबकि पश्चिमी बाजार में तब्दीली तब आती है जब कीमतें ऊपर जा रही होती हैं.

उन्होंने बोला कि पहली बार हमने पूर्ण उलटफेर देखा है, जहां भारतीय और चीनी बाजारों में सोने की कीमतों में वृद्धि पर तब्दीली आई है. (

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button