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Wipro के नए सीईओ के सामने कंपनी का जोश हाई करने की होगी चुनौती

घरेलू आईटी कंपनी विप्रो के नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और व्यवस्था निदेशक श्रीनिवास पल्लिया को कंपनी में नयी जान डालने के साथ ही प्रमुख पदों पर आसीन लोगों को बनाए रखने और आत्मशक्ति बहाल करने की कठिन चुनौती का सामना करना होगा. भाषा की समाचार के मुताबिक, उद्योग जगत के जानकारों का मानना है कि विप्रो आने वाले समय में कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच कठिन व्यवसायी हालात से गुजर सकती है, लिहाजा शेयरधारकों के भरोसे को बनाए रखना भी पल्लिया के लिए खासा अहम होगा.

थिएरी डेलापोर्टे के बाद संभाला है पद

बता दें, पल्लिया ने पांच वर्ष से सीईओ के पद पर तैनात थिएरी डेलापोर्टे के इस्तीफे के बाद घरेलू आईटी कंपनी का नेतृत्व संभाला है. वह लंबे समय से विप्रो से जुड़े रहे हैं और इसके इंटरनल ऑपरेशन और व्यवसायी परिवेश से अच्छी तरह परिचित हैं. एचएफएस रिसर्च के सीईओ फिल फर्शट ने एक बयान में बोला कि बीते एक वर्ष से विप्रो का आत्मशक्ति गिरा हुआ है और नेतृत्व में इस परिवर्तन की आशा छह महीने पहले से की जा रही थी.

वृद्धि में आई सुस्ती को दूर करने की चुनौती

नए सीईओ को अपनी योजनाओं को जल्द लागू करना होगा, कंपनी को नए सिरे से दिशा देनी होगी, और प्रमुख हितधारकों को यह विश्वास दिलाना होगा कि वह नेतृत्व के लिए ठीक विकल्प हैं. निर्मल बंग इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के सलाहकार एवं अध्ययन विश्लेषक गिरीश पई ने बोला कि वरिष्ठ ऑफिसरों के जाने से वृद्धि में आई सुस्ती को दूर करने के लिए पल्लिया को शीर्ष स्तर पर मजबूती देने के लिए आगे बढ़कर नेतृत्व करना होगा. पई ने बोला कि पांच वर्ष के लिए सीईओ और व्यवस्था निदेशक नियुक्त किए गए पल्लिया को विश्वस्तर पर कमजोर व्यवसायी माहौल में त्वरित और तेज परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना पड़ सकता है.

कई शीर्ष अधिकारी कंपनी छोड़कर चले गए

आईटी उद्योग के ऑब्जर्वर का मानना है कि डेलापोर्टे के कार्यकाल में विप्रो के कई शीर्ष अधिकारी कंपनी छोड़कर चले गए जिससे व्यवसायी गतिविधियां भी प्रभावित हुईं. इनमें कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) जतिन दलाल का नाम भी शामिल है जिन्होंने 21 वर्ष के कार्यकाल के बाद कंपनी छोड़ दी थी. विश्लेषकों का बोलना है कि राजस्व के मुद्दे में विप्रो का प्रदर्शन पिछली कई तिमाहियों में आईटी क्षेत्र के औसत प्रदर्शन से कम रहा है लिहाजा सभी की निगाहें नए सीईओ और उनकी तरफ से किए जाने वाले बड़े बदलावों पर लगी रहेंगी

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