आज तक खाली है वो फ्लैट जहा परवान चढ़ी थी मोहब्बत
हमें दफना दो ताकि हम सांस ले सकें. कुछ देर के लिए नाड़ी रुक गई। हिंदी सिनेमा की अदाकारा परवीन बॉबी को भी प्यार हो गया. इस प्रेम कहानी में परवीन ने अपना सब कुछ खो दिया. वह अपनी सुध-बुध खो बैठी…और एक समय ऐसा आया जब वह स्वयं नहीं रही और उसका घर ही वह स्थान थी जहां प्यार इठलाता था. आज यह वीरान पड़ा है. 17 वर्ष हो गये परवीन बॉबी का यह फ्लैट मुंबई के जुहू स्थित रिवेरा बिल्डिंग की सातवीं मंजिल पर है. हवा में ताजगी है. समुद्र आगे बुलाता है. लेकिन फिर भी कोई नहीं आता. रिपोर्ट के मुताबिक, यदि कोई यहां रहने की प्रयास भी करता है तो उसके मन में अजीब-अजीब ख्याल आने लगते हैं. यही कारण है कि कम कीमतों के बावजूद कोई भी यहां रहना नहीं चाहता. यह फ्लैट किराये पर मौजूद है। जिसका किराया करीब 4 लाख रुपए है. दिलचस्प बात तो यह है कि परवीन बाबी के फ्लैट की नेम प्लेट पर आज भी एक्ट्रे स का नाम लिखा हुआ है.
अपने काम के अतिरिक्त परवीन बॉबी को आज भी महेश भट्ट के साथ अपने संबंध के लिए याद किया जाता है. परवीन बॉबी और महेश भट्ट की मुलाकात 1970 के दशक में हुई थी. एक साक्षात्कार में महेश भट्ट ने कहा था कि उन्हें परवीन की मुस्कान बहुत पसंद है। जब महेश भट्ट की मुलाकात परवीन से हुई तो वह पहले से शादीशुदा थे जबकि परवीन कबीर बेदी से ब्रेकअप के सदमे से उबर रही थीं. इसके बावजूद दोनों एक-दूसरे से प्यार करना नहीं छोड़ सके. परवीन उस समय मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री की टॉप अदाकारा थीं और महेश भट्ट को कोई नहीं जानता था. उनका प्यार परवान चढ़ा और वे दोनों साथ रहने लगे.
एक साक्षात्कार में महेश भट्ट ने बोला था कि जब दोनों साथ होते थे तो स्टारडम के लिए कोई स्थान नहीं होती थी। घर पर परवीन एक साधारण लड़की थी जो उनसे पागलों की तरह प्यार करती थी. दोनों के बीच ये खुशी अधिक दिनों तक नहीं टिक पाई और एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसकी महेश ने कभी सपने में भी कल्पना नहीं की थी. जब वह घर पहुंचे तो परवीन घर के कोने में कपड़ों पर चाकू लेकर बैठी थी और कह रही थी कि लोग उसे मारना चाहते हैं. परवीन सिज़ोफ्रेनिया नामक रोग से पीड़ित थीं. उन्हें बार-बार दौरे पड़ने लगे और उनकी फिल्मों की शूटिंग रुकने लगी.
डॉक्टरों ने परवीन के उपचार के लिए इलेक्ट्रिक शॉक की राय दी लेकिन भट्ट नहीं माने. वह परवीन को बेंगलुरु ले गए लेकिन परवीन की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. धीरे-धीरे महेश भट्ट को एहसास हुआ और उन्होंने अपनी पत्नी के पास लौटने का निर्णय किया. जब महेश घर से निकलने लगे तो परवीन उनके पीछे दौड़ीं. बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने कपड़े ही नहीं पहने थे. दोनों 1977 से 1980 तक साथ रहे.