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बॉलीवुड की इन 5 आईकॉनिक फिल्मों के रिकॉर्ड के आगे सब है चाय कम पानी

पिछले दो-तीन वर्षों से मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में हिट और फ्लॉप का दौर चल रहा है. जहां वर्ष में रिलीज होने वाली एक या दो भतेरी फिल्में ही 100-200 करोड़ रुपए का कलेक्शन कर पाती हैं और बाकी कुछ ही दिनों में पर्दे से उतर जाती हैं. एक समय था जब मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री फिल्में प्रसिद्ध थीं. उन्होंने एक या दो सप्ताह नहीं बल्कि 25 से 30 या उससे भी अधिक हफ्तों तक सिनेमाघरों में अपनी स्थान बनाए रखी. और दर्शकों का भी अच्छा रिस्पॉन्स मिला वह उनसे मिलने जाता रहा. लेकिन आज ऐसा नहीं होता.अब लोग बड़ी शख़्सियतों को चुटकी में नापसंद कर देते हैं. चाहे वो इंडस्ट्री के खान हों या फिर बच्चन और कपूर. यदि आपको यह पसंद नहीं है तो आप इंटरवल से पहले बाहर आ जाएं अभी ‘वॉव वेडनसडे’ सेगमेंट में हम आपको उन फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने सिनेमाघर में सबसे लंबा समय बिताया है. एक 29 वर्ष से सिनेमाघर में है. हमें बताइए.

दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे 
1995 में रिलीज हुई शाहरुख खान, काजोल और अमरीश पुरी स्टारर फिल्म ‘दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ ब्लॉकबस्टर रही थी. 4 करोड़ रुपये के बजट से बनी इस फिल्म का निर्देशन आदित्य चोपड़ा ने किया था. और राज और सिमरन की कहानी इतनी पसंद की गई कि आज भी समाचार लिखे जाने तक ये फिल्म मुंबई के सिनेमाघर ‘मराठा मंदिर’ में दिखाई जा रही है इसका मतलब है कि 29 वर्ष बाद भी यह फिल्म दर्शकों का मनोरंजन कर रही है और इसके टिकट ‘बुक माय शो’ पर मौजूद हैं.

शोले 
1975 में आई अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, जया बच्चन, हेमा मालिनी स्टारर फिल्म ‘शोले’ भी ब्लॉकबस्टर साबित हुई. इसका निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था. जय-वीरू और बसंती-गब्बर समेत बाकी किरदारों को दर्शकों ने इतना पसंद किया कि लोग इसे सैकड़ों बार देख चुके हैं और इसके डायलॉग्स भी याद कर चुके हैं. यह फिल्म 5 वर्ष तक मुंबई के मिनर्वा सिनेमाघर में दिखाई गई. यानी इसे 286 सप्ताह तक चलाया गया.

मुगल-ए-आजम
1960 में रिलीज हुई दिलीप कुमार, मधुबाला, पृथ्वीराज कपूर स्टारर फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ भी सुपरहिट फिल्म थी. हालांकि ये आज भी लोगों की जुबान पर रहता है. यह मिसाल के तौर पर याद किया जाता है. इस फिल्म का निर्देशन के. आसिफ ने किया था और यह फिल्म भी तीन वर्ष यानी 150 सप्ताह तक सिनेमाघरों में चली थी.

किस्मत 
1943 में रिलीज हुई अशोक कुमार और मुमताज स्टारर फिल्म ‘किस्मत’ भी हिट रही. इसका निर्देशन ज्ञान मुखर्जी ने किया था यह कलकत्ता के रॉक्सी सिनेमा में 187 हफ्ते यानी साढ़े तीन वर्ष तक चली. फिल्म रंगीन नहीं थी, इसके बावजूद लोगों ने इसे खूब पसंद किया और पसंद किया. क्योंकि उस समय यह पहली बार था कि फिल्म के मुख्य भूमिका को नकारात्मक रूप में दिखाया गया था. यह पहली फिल्म थी जिसमें एक भूमिका को दोहरी किरदार में दिखाया गया था और एक लड़की का विवाह से पहले गर्भवती होना दिखाया गया था. इस फिल्म का संगीत भी बेहतरीन था, जिससे यह काफी सफल रही. ‘दूर हटो ओ दुनियावालों हिंदुस्तान हमारा है’, ‘घर घर में दिवाली’ और ‘धीरे-धीरे आ’ जैसे गाने इसी फिल्म के हैं, जिन्हें लोग आज भी गुनगुनाते हैं.

बरसात 
1949 में रिलीज हुई राज कपूर निर्देशित और स्टारर फिल्म ‘बरसात’ भी दो वर्ष तक सिनेमाघरों में चली. इसमें नरगिस भी थीं ये मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री के शुरुआती दिनों की फिल्म थी इस फिल्म की रिलीज के बाद ही राज कपूर ने अपना आरके स्टूडियो स्थापित किया.

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