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भारती-हर्ष को मनोज बाजपेयी ने क्यों दी ये सलाह

बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी और प्राची देसाई का शो ‘साइलेंस 2- द नाइट आउल बार शूटआउट’ जी5 पर रिलीज हो चुका है. शो को दर्शकों से बहुत प्यार मिल रहा है. शो के एक्टर्स प्रसिद्ध कॉमेडियन भारती सिंह और हर्ष लिम्बाचिया के पॉडकास्ट में पहुंचे. यहां मनोज बाजपेयी ने अपने बचपन से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से सुनाए. साथ ही, उन्होंने आजकल के बच्चों की पेरेंटिंग को लेकर भी अपने विचार सामने रखे.

‘अंग्रेजी बोलने का बहुत शौक है तो अपने पड़ोसी से करना’

पॉडकास्ट में भारती सिंह ने अभिनेता से मजाकिया अंदाज में पूछा कि क्या आजकल के बच्चे ठीक आ रहे हैं? इसपर मनोज बाजपेयी ने भारती सिंह और हर्ष लिम्बाचिया को राय दी कि अपने बच्चे से घर पर पंजाबी और गुजराती में बात करते रहो. उन्होंने बोला कि यदि आपको अंग्रेजी बोलने का बहुत शौक है तो अपने पड़ोसी से कहा करो क्योंकि मुंबई शहर में बच्चे अपनी भाषा नहीं सीख पाते हैं.

‘…तो वो सब फिर टेलर स्विफ्ट ही सुनेंगे’

मनोज बाजपेयी ने कहा कि मेरी बेटी हिंदी में अब जाकर बहुत अच्छे नंबर लेकर आने लगी है. धीरे-धीरे उसकी हिंदी अच्छी हो रही है. उन्होंने बोला कि यहां बच्चों को विद्यालय में अपनी भाषा नहीं बोलने देते और यदि आप भी उससे अपनी भाषा में बात नहीं करेंगे तो वो परेशानी है. यदि आप भी बच्चों से अंग्रेजी में बात करोगे तो वो सब फिर टेलर स्विफ्ट ही सुनेंगे.

प्री विद्यालय को कहा धंधा

इस वार्ता के दौरान भारती सिंह के कहा कि वो अपने बेटे गोला को विद्यालय (प्री स्कूल) भेजती हैं. इसपर मनोज बाजपेयी ने कहा, “मैं तो कहूंगा कि उसे विद्यालय मत भेजो. बच्चे को नर्सरी में क्यों भेज रहे हो, ये पांच वर्ष उसे घर पर खेलने दो क्योंकि उसके बाद जीवन की चक्की में पिसना है उसको.” मनोज बाजपेयी ने बोला कि यह सब धंधा है.

मनोज बाजपेयी ने बोला कि बच्चों को विद्यालय भेजने से अच्छा है कि कुछ टीचर्स आते हैं जो बच्चों के साथ खेल खेलते हैं जिससे बच्चे के शरीर और दिमाग का विकास होता है. यह सब करो बच्चे के साथ. मनोज बाजपेयी ने बोला कि यह अलग बात है कि यदि मां-बाप दोनों ही काम करते हैं तब बच्चों को विद्यालय भेजो. मनोज बाजपेयी ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी को एक वर्ष बाद ही नर्सरी से निकाल लिया था.

 

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