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रणवीर सिंह के डीपफेक वीडियो मामले में पिता ने लिया लीगल एक्शन

Ranveer Singh Deepfake Video Case : बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह का एक डीपफेक वीडियो बीते दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में अभिनेता एक पॉलिटिकल पार्टी का प्रचार करते नजर आ रहे हैं. इसके बाद रणवीर सिंह ने पुलिस में इस फर्जी वीडियो के विरुद्ध कम्पलेन दर्ज कराई थी.

अब इस मुद्दे में रणवीर सिंह केपिता जगजीत सिंह भवनानी ने भी लीगल एक्शन लिया है. उन्होंने ट्विटर यूजर (एक्स) के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई है. महाराष्ट्र पुलिस की साइबर प्रकोष्ठ इकाई ने रणवीर सिंह का कथित तौर पर ‘डीपफेक’ वीडियो अपलोड करने के मुद्दे में एक्स के एक यूजर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है.

इस वीडियो में अदाकार कांग्रेस पार्टी के लिए मतदान करने की अपील करते हुए नजर आ रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि रणवीर सिंह के पिता जगजीत सिंह भवनानी की कम्पलेन के बाद एक ‘एक्स’ उपयोगकर्ता के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई.

डीपफेक से आशय ऐसी छवियों और वीडियो से है जो एआई अथवा अन्य तकनीकों से तैयार की जाती हैं और जिसमें आमतौर पर पीड़ित की सहमति नहीं होती. कम्पलेन के मुताबिक रणवीर सिंह जब एक फैशन शो के प्रचार के लिए वाराणसी में थे तब उन्होंने मीडिया को दिए गए एक साक्षात्कार में पीएम नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की थी.

प्राथमिकी के मुताबिक अदाकार ने बोला कि हमारी समृद्ध संस्कृति, विरासत, इतिहास और परंपरा का उत्सव मनाना मोदी जी का उद्देश्य और लक्ष्य है क्योंकि हम बहुत तेजी से आधुनिकता की ओर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हमें अपनी जड़ों, अपनी सांस्कृतिक विरासत को कभी नहीं भूलना चाहिए.

प्राथमिकी में कहा कि लेकिन एक एक्स यूजर ने रणवीर सिंह के इस सक्षात्कार का एक ‘डीपफेक’ वीडियो  बनाया जिसमें अदाकार यह कहते दिख रहे हैं कि ‘मोदी जी का उद्देश्य और लक्ष्य हमारे भयावह जीवन, भय और बेरोजगारी का उत्सव मनाना है क्योंकि हम अन्याय की ओर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हमें अपने विकास और इन्साफ की मांग करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए इसलिए इन्साफ के लिए मतदान करें, कांग्रेस पार्टी को मतदान करें.

रणवीर सिंह के पिता ने कम्पलेन में बोला कि रणवीर सिंह ने कभी ऐसा नहीं बोला और उनका किसी भी सियासी दल से कोई संबंध नहीं है. अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया मंच उपयोगकर्ता के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 417 (धोखाधड़ी), 468  (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 469 (प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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