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Anupamaa 18 April: अनुपमा से यशदीप के बारे में पूछेंगे बापूजी फिर…

टीवी सीरियल की आरंभ में अनुपमा, बापूजी से बात करेगी. वह कहेगी, ‘छोटी की खुशी अनुज और श्रुति के साथ है. मैं उससे उसकी खुशी कभी नहीं छीनूंगी बापूजी. कभी भी नहीं. बस विवाह तक थोड़ी तकलीफ होगी उसके बाद मन शांत हो जाएगा.’ अनुपमा, बापूजी से वादा करेगी कि वह अपने आपको बहुत बिजी रखेगी ताकी उसे बुरा न लगे. इसके बाद बापूजी, बातों ही बातों में अनुपमा से यशदीप के बारे में बात करेंगे.

अनुपमा से प्रश्न करेंगे बापूजी

बापूजी कहेंगे, ‘सच कहूं तो प्रीत जी और यशदीप के होते हुए मुझे तेरी चिंता नहीं है. पता है मुझे, मैं जानता हूं, वो ध्यान रखेंगे तेरा…खासकर यशदीप.’ अनुपमा दंग रह जाएगी. वह बापूजी से कहेगी, ‘यशदीप सर…सिर्फ और केवल मेरे दोस्त हैं और कुछ नहीं. लोगों का तो क्या है, उनका तो काम ही है कहना, जिसको जो कहना है बोलने दीजिए. मैं जानती हूं न अपने मन को, इसमें दोस्ती के अतिरिक्त और कुछ देने के लिए है ही नहीं. अब यदि मुझे प्यार करना है तो अपने आप से, अपने काम से, अपनी उड़ान से, अपने सपनों से करना है.’ बापूजी, अनुपमा को आशीर्वाद देंगे. वहीं डिंपी, टीटू से मिलने होटल जाएगी. वह टीटू के साथ विवाह के सपने देखेगी और वापस घर आ जाएगी.

वनराज और अनुपमा

अगले दिन वनराज और अनुपमा मिलकर पैकिंग करेंगे. वनराज, अनुपमा से कहेगा, ‘अपना ध्यान रखना अनुपमा.’ अनुपमा कहेगी, ‘थैंक्यू! जाने से पहले दो अच्छे बोल बोलने के लिए थैंक्यू, लेकिन मुझे कड़वे बोल बोलने पड़ेंगे. मैं आपको बहुत अच्छी तरह जानती हूं. जानती हूं कि आप डिंपी और टीटू की विवाह नहीं करवाना चाहते हैं तो आप जो सोच रहे हैं उसे सोचने की प्रयास भी मत कीजिएगा.’ वनराज, अनुपमा को अनुज की दूसरी विवाह का ताना देगा. हालांकि, अनुपमा चुप नहीं बैठेगी. वह वनराज को वॉर्निंग देगी और कहेगी, ‘आप डिंपी का कन्यादान जरूर कीजिएगा अन्यथा मुझे अहमदाबाद आना पड़ेगा.’ इसके बाद सभी लोग तैयार होकर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो जाएंगे और अनुपमा एक बार फिर अकेली पड़ जाएगी.

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