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एआर रहमान ने संगीत में एआई के इस्तेमाल को ठहराया सही

दिग्गज संगीतकार एआर रहमान ने रजनीकांत की फिल्म ‘लाल सलाम’ के ऑडियो म्यूजिक में दो दिवंगत गायकों की आवाज का इस्तेमाल किया. उन्होंने गायक बंबा बाक्या और शाहुल हमीद की आवाजों को एआई की सहायता से रिक्रिएट किया. नयी तकनीक का इस्तेमाल कर पुरानी यादें ताजा करने के रहमान के कोशिश की कुछ लोगों ने खूब प्रशंसा की. लेकिन, इसे लेकर एआर रहमान की काफी निंदा भी हुई.  मामले ने काफी तूल पकड़ा. अब इस मुद्दे में एआर रहमान ने अपना बचाव किया है.तमाम लोगों ने एआर रहमान पर इल्जाम लगाए कि उन्होंने ऐसा कदम उठाया है, जिससे कई लोगों की जॉब जा सकती है. हाल ही में ‘द गोट लाइफ’ के म्यूजिक लॉन्च के दौरान ए आर रहमान ने मीडिया से म्यूजिक इंडस्ट्री में एआई के आगमन का बचाव कते हुए बोला कि एआई को नौकरियों पर खतरे की बजाय इसे आगे बढ़ने के लिए एक टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

‘समय की होगी बचत’

एआर रहमान ने आगे कहा, ‘टेक्नोलॉजी में प्रत्येक दिन एक सरप्राइज सामने आ रहा है और यह निश्चित रूप से अचानक नहीं है. मुझे याद है जब मैंने 1984 में एक कंप्यूटर खरीदा था, तो सभी ने सोचा था कि हम सभी अपनी नौकरियां खोने वाले हैं. इसी तरह यह है. इसे आप जितना अधिक सुनेंगे, इसका अस्तित्व दिखेगा. मुझे लगता है कि एआई का इस्तेमाल आगे बढ़ने में किया जा सकता है’. एआर रहमान ने कहा, ‘एआई के जरिए हम आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का उत्थान कर सकते हैं. कला और विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिभाओं को शिक्षित और पोषित कर सकते हैं. उनके पास अब एआई जैसे टूल्स उपस्थित हैं, ऐसे में उन्हें कई सालों तक शोध में जुटे रहने की आवश्यकता नहीं है.

इस्तेमाल के ढंग पर की चर्चा

एआर रहमान ने एआई और तकनीक के चलते अपनी जॉब गंवाने को लेकर डरे हुए क्रिएटिव पेशवरों पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एआई का इस्तेमाल करने का सबसे बेहतर तरीका लोगों को जॉब से निकालना नहीं, बल्कि उनके जीवन में सुधार और जीवन को बेहतर बनाना है. हमें इसका इस्तेमाल इस तरह करना चाहिए कि उन चीजों की कमी दूर हो सके, जिनके लिए समय की आवश्यकता है’

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