इस फिल्म में जय-वीरु की दोस्ती ने ऑडियंस को बनाया अपना दीवाना
Sholay Movie Amitabh Bachchan: धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की कल्ट क्लासिक फिल्म ‘शोले’ की आज भी मिसालें दी जाती हैं। इस फिल्म में जय-वीरु की दोस्ती ने ऑडियंस को अपना दीवाना बना लिया था, जब अंतिम सीन में धर्मेंद्र (Dharmendra) की गोद में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का भूमिका अपना दम तोड़ता है, तब ऑडियंस के आंसू थामे नहीं रुकते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों ‘शोले’ के अंतिम सीन में अमिताभ बच्चन के भूमिका ‘जय’ की मृत्यु दिखाई गई थी। यदि नहीं, तो आइए यहां जानते हैं कि आखिर कल्ट क्लासिक से जुड़ा यह माजरा क्या है।
अमिताभ बच्चन ने निभाया हीरो के दोस्त का किरदार!
फिल्ममेकर रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) ने कुछ समय पहले भारतीय एक्सप्रेस को एक साक्षात्कार दिया था। जहां रोहित शेट्टी ने फिल्म शोले से जुड़ा एक किस्सा कहा था। रोहित का बोलना था कि सिनेमाघरों में आने के पहले चार दिन शोले नहीं चली ती। तब मेकर्स ने इसे रीशूट करने के बारे में सोचा था। कुछ का बोलना था कि गब्बर की आवाज ठीक नहीं है, तो कुछ अमित जी के भूमिका को आखिर में जिंदा करना चाहते थे। लेकिन यदि आप फिल्म दोबारा देखेंगे तो नोटिस करेंगे कि अमित जी का भूमिका दोस्त का है। अमित जी ने अपने भूमिका को अपनी परफॉर्मेंस से उभारा है।
‘जय’ की मृत्यु के पीछे थी खास वजह!
रोहित शेट्टी (Rohit Shetty on Sholay) ने अपने साक्षात्कार में कहा था- ‘अमित जी का कोई सोलो सीन भी नहीं था, बस एक है मौसी के साथ। हर सीन में वह धर्मेंद्र के साथ नजर आए हैं। रोहित का बोलना था, उस समय ऐसा था कि जो कम हीरो होता था, उसे ही मरना होता था। उस समय तक फिल्म में धर्म जी से अमित जी कम हीरो थे, इसी वजह से उनकी मृत्यु दिखाई गई और धर्मजी की नहीं।‘ बता दें, भले ही शोले पहले चार दिन नहीं चली, लेकिन फिर 4.5 वर्षों तक सिनेमाघरों में लगी रही थी और कल्ट क्लासिक साबित हुई।