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Love Sex Aur Dhokha 2 Review: तीन कहानियों में दिखी दिबाकर की तीन बेइमानियां

निर्देशक अनुराग कश्यप की फ्लॉप फिल्म सीरीज ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का एक संवाद किसी भी फिल्म का टिकट खरीदने से पहले हमेशा याद रखना चाहिए. वही, ‘जब तक हिंदुस्तान में सिनेमा है लोग…’. इन्हीं अनुराग कश्यप की फिल्म ‘दो बारा’ के साथ तीन वर्ष पहले एकता कपूर ने कल्ट मूवीज नाम की नयी कंपनी प्रारम्भ की. कंपनी के इंस्टाग्राम पेज पर कुल 5,478 फॉलोअर्स हैं. और, इसी इंस्टाग्राम पीढ़ी के लिए एकता कपूर ने कल्ट मूवीज के बैनर तले बनाई है, ‘लव संभोग और विश्वासघात 2’.

दिबाकर बनर्जी का अस्त काल?

फिल्म ‘लव संभोग और विश्वासघात 2’ के निर्देशक वही दिबाकर बनर्जी हैं, जिन्होंने एकता कपूर की एक और कंपनी आल्ट एंटरटेनमेंट के लिए इसकी पहली कड़ी ‘लव संभोग और धोखा’ बनाई. तब से लेकर अब तक के 14 वर्ष में दुनिया कहां से कहां पहुंच चुकी हैं. आल्ट एंटरटेनमेंट का कुछ अता पता नहीं है. उसका एप भी गुम हो चुका है. दिबाकर बनर्जी अनेक बड़े बड़े सितारों को निर्देशित करके फिर वहीं आ चुके हैं जहां वह ‘खोसला का घोसला’ और ‘ओए लकी ओए लकी’ के बाद थे. ‘लव संभोग और विश्वासघात 2’ में तीन भिन्न भिन्न कहानियां हैं. लव का मतलब उन्होंने लाइक कर दिया है. संभोग अब शेयर है. और, विश्वासघात है डाउनलोड.

तीन कहानियां, तीनों में बेइमानियां

‘लव संभोग और विश्वासघात 2’ की पहली कहानी एक रियलिटी शो में एक ट्रांसजेंडर की टीआरपी बढ़ाने के किस्सों की है. दूसरी कहानी मेट्रो के लिए सेवाएं प्रदान करने वाली एक एजेंसी में काम करने वाली एक और ट्रांसजेंडर, उसके आशिक और उसकी बॉस की है. और, तीसरी कहानी में आकर वर्चुअल रियलिटी और इसके मूल भूमिका के कपड़े उतर जाते हैं. अनजाने चेहरों पर दांव लगाने की दिबाकर बनर्जी की ये विवशता है. ऐसा नहीं कि नए लोगों को मौका देने के लिए ऐसा कर रहे हैं. कद्दावर सितारों के दांव उनके सब खाली जा चुके हैं. तो, फिर से वह उसी ‘गंध’ में उतरे हैं, जहां से उनकी उड़ान ने महत्वाकांक्षी टेकऑफ किया था. कहानियां अतरंगी हैं. इसके कलाकार बहुरंगी हैं. अनु मलिक, सोफी चौधरी, मौनी रॉय, तुषार कपूर से लेकर स्वरूपा घोष तक हैं.

कल्ट मूवीज का ऑकल्ट सिनेमा

बाकी कलाकारों को फिल्म ‘लव संभोग और विश्वासघात 2’ में देखना चुनौती भी है और दिमाग को ये समझाना भी कि यदि वाकई न्यू मिलेनियल्स की दुनिया अब ऐसी है तो फिर कल्ट मूवीज के इंस्टाग्राम पेज के फॉलोअर्स कोई साढ़े पांच हजार पर ही क्यों अटके हैं? बतौर निर्देशक दिबाकर की दाद इसलिए दी जा सकती है कि उन्होंने कुछ ऐसा बनाने की प्रयास की, जो उनकी बाकी फिल्में देख चुका एक भी दर्शक सोच भी नहीं सकता. विक्षोभ वाला सिनेमा तो है ये. लेकिन, क्या दर्शक सिनेमाघरों की टिकट खरीदकर अपने दिमाग पर इतना बल डालने के लिए फिल्म देखने आते हैं?  विद्या बालन हों तो वह ‘डर्टी पिक्चर’ तो देखने आ जाते हैं लेकिन ‘दो बारा’ या ‘लव संभोग और विश्वासघात 2’ के लिए चैलेंज बहुत बड़े हैं.

सिनेमा का ऊर्ध्वाधर प्रयोग

ध्यान देने वाली बात है कि सिनेमा का क्षैतिज प्रयोग ‘लव संभोग और धोखा’ बनाते समय दिबाकर दो फिल्म पुराने हिट निर्देशक थे. अब सिनेमा के ऊर्ध्वाधर प्रयोग ‘लव संभोग और विश्वासघात 2’ तक आते आते वह ‘संदीप और पिंकी फरार’, ‘डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी’ और ‘शंघाई’ जैसी फ्लॉप फिल्मों के निर्देशक बन चुके हैं. ऐसे में फिल्म ‘लव संभोग और विश्वासघात 2’ को देखने कितने दर्शक सिनेमाघरों में आएंगे, ये बात नेटफ्लिक्स भी समझ सकता है. समझा ये भी जा सकता है कि क्या ये फिल्म नेटफ्लिक्स के एलजीबीटीक्यू फंड से बनी है? और, ये भी कि क्या एकता कपूर की फिल्मों के नेटफ्लिक्स से बनते रिश्तों में उनकी पूर्व कर्मचारी रुचिका कपूर की भी अतिरिक्त दिलचस्पी रहती है क्योंकि अब वह नेटफ्लिक्स की शीर्ष ऑफिसरों में शामिल हैं.

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