Delhi excise policy case: मनीष सिसौदिया ने जमानत के लिए किया HC का रुख, इस दिन होगी सुनवाई
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के संबंध में CBI और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज करप्शन और धन शोधन के मामलों में जमानत के लिए गुरुवार को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. याचिका को तुरन्त सुनवाई के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ के समक्ष उल्लेखित किया गया था. दलेही हाई कोर्ट शुक्रवार को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुआ. पीठ ने बोला कि न्यायाधीश को फ़ाइल देखने दीजिए, इसे कल आने दीजिए. सिसौदिया का अगुवाई कर रहे वकील रजत भारद्वाज और मोहम्मद इरशाद ने बोला कि याचिकाकर्ता एक विधायक है और न्यायालय से जमानत की मांग करने वाली दोनों याचिकाओं को तुरन्त सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह किया. इससे पहले 30 अप्रैल को दिल्ली की एक न्यायालय ने इसी मुद्दे में सिसौदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। CBI और प्रवर्तन निदेशालय की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने राहत देने से इनकार करते हुए बोला कि जमानत देने का यह ठीक समय नहीं है.
सीबीआई के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय ने भी इल्जाम लगाया था कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित फायदा दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया और सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के बिना लाइसेंस बढ़ा दिए गए. जांच एजेंसियों ने इल्जाम लगाया है कि लाभार्थियों ने कथित तौर पर गैरकानूनी फायदा को आरोपी ऑफिसरों तक पहुंचाया और जांच से बचने के लिए अपने खाते की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां कीं. सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी, 2023 को घोटाले में उनकी कथित किरदार के लिए अरैस्ट किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने 9 मार्च, 2023 को CBI की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे में पूर्व उपमुख्यमंत्री को अरैस्ट किया. 28 फरवरी, 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से त्याग-पत्र दे दिया.