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तवायफों की परेशान जिंदगी को दिखाती हैं बॉलीवुड की ये फ़िल्में

संजय लीला भंसाली की आनें वाले सीरीज ‘हीरामंडी’ 1 मई 2024 को नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होने के लिए तैयार है. इस सीरीज का दर्शक लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं. 8 एपिसोड की यह वेब सीरीज पाक के लाहौर के रेड लाइट एरिया की तवायफों की जीवन पर आधारित है. ‘हीरामंडी’ से पहले भी मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई फिल्में बन चुकी हैं जो तवायफों की परेशान जीवन को दिखाती हैं और दर्शकों को चौंका देने का हुनर रखती हैं. इस लिस्ट में आलिया भट्ट की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ से लेकर मीना कुमारी की ‘पाकीजा’ तक शामिल है.

‘गंगूबाई काठियावाड़ी’
‘हीरामंडी’ से पहले संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ भी तवायफों पर आधारित है. आलिया भट्ट स्टारर यह फिल्म हुसैन जैदी की पुस्तक माफिया ‘क्वींस ऑफ मुंबई’ के एक चैप्टर पर आधारित है. यह फिल्म कमाठीपुरा क्षेत्र की तवायफों की कहानी है जिनकी जिम्मेदारी तवायफ ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के हाथों में है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे इन वेश्याओं को शिक्षा और सुरक्षा से दूर रखा जाता है.

‘पाकीजा’
1972 में रिलीज हुई फिल्म ‘पाकीजा’ में अदाकारा मीना कुमारी ने तवायफ साहेब जान का भूमिका निभाया था. ‘पाकीजा’ ने ‘इन्हीं लोगों ने’ से लेकर ‘चलते-चलते यूं ही कोई’ जैसे गानों पर अपने डांस के जरिए बेहतरीन कला पेश की थी. ‘पाकीज़ा’ को मेकर्स ने 15 वर्ष में बनाया था और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी.

‘उमराव जान’
‘उमराव जान’ 1981 में रिलीज हुई थी. यह फिल्म मिर्जा मोहम्मद हादी रुसवा के 1899 के उर्दू उपन्यास ‘उमराव जान’ अदा पर आधारित थी. प्यार और हार की कहानी कहती इस फिल्म में रेखा ने मुख्य किरदार निभाई थी उस दौरान मुजफ्फर अली ने 25 तवायफों को बुलाया था और उनके तौर-तरीके सीखे थे इस फिल्म में रेखा ने कई कथक डांस भी किए, जिनमें ‘इन आंखों की मस्ती में’ और ‘दिल क्या चीज है’ शामिल हैं.

मंडी
श्याम बेनेगल की फिल्म ‘मंडी’ (1983) में भी वेश्याओं और अमीर लोगों के बीच शारीरिक संबंध और उसके बाद बच्चों के जन्म को दिखाया गया है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे तवायफों के जीने का एकमात्र जरिया राजघराने और अमीर आदमी होते हैं. इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ सहायक अदाकार और सर्वश्रेष्ठ सहायक अदाकार के तीन फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया था. इसके अतिरिक्त फिल्म को सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया

‘देवदास’
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘देवदास’ में माधुरी दीक्षित एक वैश्या की किरदार में नजर आई थीं. शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित इस फिल्म में माधुरी ने चंद्रमुखी का भूमिका निभाया है, जो ‘देवदास’ का दिल टूटने के बाद उसके जख्मों पर मरहम लगाती है. लेकिन बदले में उन्हें ‘देवदास’ वाला प्यार नहीं मिलता.

साधना
बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘साधना’ में वैजंतीमाला ने एक वैश्या का भूमिका निभाया है. पहले में, अदाकारा को एक सोना खोदने वाली स्त्री की किरदार में दिखाया गया था जो एक मरती हुई स्त्री की अपनी बहू को देखने की ख़्वाहिश का लाभ उठाती है.

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