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कुकड़ी प्रथा के काले सच का पर्दाफ़ाश करती है अक्षय ओबेरॉय की ये फिल्म

बॉलीवुड इंडस्ट्री में अब तक कई ऐसी फिल्में बन चुकी हैं, जिन्होंने समाज की कड़वी सच्चाइयों को बड़े पर्दे पर भली–भाँति पेश किया है. हाल ही में रिलीज हुई अक्षय ओबेरॉय और खनक बुद्धिराजा की मुख्य किरदार वाली फिल्म ‘एक कोरी प्रेम कथा’ (एक कोरी प्रेम कथा मूवी रिव्यू) में भी कुछ इसी तरह की कहानी दिखाई गई है. फिल्म में कुकरी परंपरा के नाम पर स्त्रियों के उत्पीड़न को दर्शाया गया है. यदि आप इस फिल्म को देखने का प्लान कर रहे हैं तो जानिए कैसी है ये फिल्म

‘एक कोरी प्रेम कथा’ की कहानी
फिल्म लाड सिंह यानी अक्षय ओबेरॉय के यात्रा से प्रारम्भ होती है, जो प्रधान जी का बेटा है. लाड सिंह को सभ्यता यानी खनक बुद्धिराजा से प्यार हो जाता है. फिल्म की वास्तविक कहानी तब प्रारम्भ होती है जब लाड की पत्नी सभ्याता को कुकरी अनुष्ठान से गुजरने के लिए बोला जाता है. इस परंपरा के अनुसार जब किसी लड़की की विवाह होती है तो उसे वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है. आगे की कहानी समझने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी? क्या सभ्यता इस प्रथा से गुजरने के लिए तैयार हो जाती है या फिर सबके विरुद्ध खड़ी होकर इस प्रथा के विरुद्ध आवाज उठाती है?

कलाकारों ने बहुत बढ़िया काम किया है
फिल्म में अक्षय ओबेरॉय ने लाड सिंह का भूमिका निभाया है, जिसे काफी पसंद किया जा रहा है लाड सिंह की वास्तविक दुविधा तब प्रारम्भ होती है जब उसे परंपरा और प्रेम के बीच चयन करना होता है. फिल्म में खनक बुद्धिराजा ने सभ्यता का भूमिका निभाया है और उनके भूमिका को काफी सराहना भी मिली है फिल्म में पूनम ढिल्लों और राज बब्बर ने अक्षय ओबेरॉय के माता-पिता की किरदार निभाई है.

ये फिल्म जरूर देखिये
‘एक कोरी प्रेम कथा प्रेम में प्रेम और परंपरा के बीच की सच्चाई दिखाई गई है इस फिल्म को देखने के बाद दर्शकों को एक बेहतरीन अनुभव मिलने वाला है फिल्म का निर्देशन चिन्मय पुरोहित ने किया है. यह फिल्म दर्शकों के दिलो-दिमाग पर एक अलग ही असर छोड़ती है

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