एल्विश से जुड़े केस के मामले में दो और लोगों की हुई गिरफ्तारी
वायरल हो रहा पुराना वीडियो
सामने आए वीडियो में एल्विश यादव कई लोगों के बीच बैठे नजर आ रहे हैं. वीडियो काफी पुराना है. इस वीडियो में उन्हें कहते सुना जा सकता है, ‘कोकेन, एमडी, स्नेक बाइट, एलएसडी, गांजा, हैश, क्रीम….क्या चाहिए भाई तुझे.‘ गौर करने वाली बात ये है कि इस वीडियो में एल्विश तरह-तरह के ड्रग्स के नाम ले रहे हैं. इसी को लेकर अब एक बार फिर लोग उन पर जमकर निशाना साध रहे हैं. वैसे इस वीडियो में उनकी बात पूरी नहीं हो पाई है, वीडियो अधूरा ही है. यही वजह है कि पूरा मुद्दा क्या है, ये कह पाना कठिन है.
लोग दे रहे ऐसे रिएक्शन
इस वीडियो को देखने के बाद लोग कह रहे हैं कि वो पहले से ही इस अवैध काम में लगे हुए थे. एक शख्स ने कमेंट में लिखा, ‘ये बस आरंभ है’. वहीं एक और शख्स ने लिखा, ‘अब इसका सिस्टम हैंग होगा.‘ कई लोग शॉक में हैं और विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि एल्विश ऐसा कुछ कह सकते हैं.
इस दिन होगी अगली सुनवाई
एल्विश यादव के वकील दीपक राठी का बोलना है कि वह किसी को नहीं जानते हैं. पिछले तीन दिनों से सूरजपुर न्यायालय में स्ट्राइक के चलते एल्विश मुद्दे में सुनवाई नहीं हो पा रही थी. एल्विश के वकील दीपक राठी ने कहा कि इस मुद्दे में न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई होगी. न्यायालय में करीब 1 बजे मुद्दे को लेकर बहस होगी. उन्होंने कहा कि बुधवार को पुलिस ने न्यायालय में एफआईआर में धारा बढ़ोत्तरी की एप्लीकेशन जमा करवाई थी, जिसमें एनडीपीएस की धारा 22, 29, 30, 32 बढ़ी है और 27 और 27 ए धारा को न्यायालय ने नहीं बढ़ाया है. मुद्दे में वकील ने दावा किया है कि एल्विश पकड़े गए अन्य किसी आरोपी को नहीं जानता है. पुलिस को एल्विश के पजेशन से कुछ बरामद नहीं हुआ. हमारी तैयारी पूरी है.
जानें पूरा मामला
एल्विश यादव पर नोएडा पुलिस ने 29 एनडीपीएस एक्ट लगाया है. 29 एनडीपीएस एक्ट तब लगाया जाता है जब कोई नशे से जुड़ी षड्यंत्र जैसे नशे की खरीद-फरोख्त में शामिल होता है. इस अधिनियम के अनुसार दर्ज आरोपियों को सरलता से जमानत भी नहीं मिलती है. पिछले वर्ष पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) संगठन की कम्पलेन के आधार पर नोएडा पुलिस ने सेक्टर 51 स्थित एक बैंक्वेट हॉल पर छापा मारा था और पांच लोगों को अरैस्ट किया था.
पीएफए का दावा
पीएफए ने अपनी एफआईआर में एल्विश यादव का नाम भी लिया था और उन पर रेव पार्टियों का आयोजन करने का इल्जाम लगाया था. दावा किया गया था कि वे विदेशियों को आमंत्रित करते हैं और जहरीले सांपों की प्रबंध करते हैं. बता दें कि छापेमारी के दौरान नौ जहरीले सांप बरामद किए गए. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अनुसार सांप की विष ग्रंथियां निकालना दंडनीय क्राइम है और गुनेहगार को सात वर्ष की कारावास हो सकती है. एल्विश हाल ही में गुरुग्राम में सागर ठाकुर (मैक्सटर्न) नाम के एक यूट्यूबर की पिटाई के लिए भी चर्चा में थे. बता दें, न्यायालय ने एल्विश को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कारावास ऑफिसरों की ओर से समाचार आई थी कि एल्विश यादव की कारावास में पहली रात बेचैनी और मायूसी में गुजरी. बीते दिन उनको क्वारंटीन सेल से हाई सिक्योरिटी सेल में उन्हें शिफ्ट किया गया.