मनोरंजन

Vikram Aur Betaal: टीवी के सामने बैठ जाया करते थे लोग

Tv Show Vikram Aur Betaal: 80 के दशक में ज्यादातर लोगों के पास टीवी नहीं हुआ करते थे, लेकिन उस दौर में भी टीवी पर ऐसे-ऐसे शो आया करते थे कि जिनको देखने के लिए लोग एक दूसरे के घर टीवी देखने जाया करते थे उन्हीं में से एक शो था ‘विक्रम और बेताल’, जिसकी आरंभ वर्ष 1985 में हुई थी और ये दूरदर्शन पर आया करते था हालांकि, ये शो भी एक कॉमिक बुक पर आधारित था, जिसका नाम था ‘चंदामामा’

इस कॉमिक के दो भूमिका थे ‘विक्रम’ और ‘बेताल’, जिनकी कहानी दर्शकों के सामने पेश की गई थी ये शो हर रविवार को शाम चार बजे दूरदर्शन पर आया करता था, जिसको लेखने के लिए लोग और बच्चे अपना-अपना काम समाप्त करने के बाद टीवी के आगे जमकर बैठ जाया करते थे इस शो को दर्शकों का खूब प्यार मिला इस शो को सबसे अधिक जो बात दिलचस्प बनाती थी वो थे  बेताल के प्रश्न और विक्रम के जवाब

रामानंद सागर का ‘विक्रम और बेताल’

इतना ही नहीं, शो में बेताल को राज विक्रम के कंधे पर बैठा हुआ दिया गया था रामानंद सागर द्वारा निर्मित इस शो में अरुण गोविल, सज्जन और मूलराज राजदा जैसे कलाकार नजर आए थे ये शो 1986 तक चला था और इसके कूल 26 एपिसोड ही आए थे आज भी इस शो की यादें कई दर्शकों के जहन में ताजा होंगी हालांकि, इसके बाद रामानंद सागर ने ‘रामायण’ बनाई, जिसमें अरुण गोविल ने ईश्वर राम का भूमिका निभाया था और इसके बाद एक बार 1988 में शो को दोबारा टेलीकास्ट किया गया था

 

क्या था शो का टॉपिक?

बता दें, ‘बेताल पचीसी’ से प्रेरित होकर ‘विक्रम और बेताल’ को बनाया गया था, जिसे 11वीं शताब्दी के कश्मीरी कवि सोमदेव भट्ट द्वारा लिखा गया था इसमें विक्रम एक ऋषि के कहने पर पेड़ पर टंगे एक बेताल को लाने के लिए कहते हैं बेताल को विक्रम अपने वश में कर लेता है और उसके कंधे पर बैठ अपने साथ ले जाता है लंबा रास्ता होने के चलते बेताल विक्रम को कहानी सुनाता है और कहता है कि वह बोलेगा नहीं, यदि वो कहा तो वो वापिस अपने पेड़ पर चला जाएगा, लेकिन वो प्रश्न भी पूछता है और उत्तर नहीं देने पर उसका भयानक नतीजा भी बताता है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button