क्या अंडा और नॉनवेज खाने से फैलेगा Bird Flu, जानें यहाँ…
बर्ड फ्लू का इंसानों में फैलना बहुत रेयर है.
- मांस या अंडा खाने से यह नहीं फैलता है.
- भारत में बर्ड फ्लू की स्थिति गंभीर नहीं है.
क्या है बर्ड फ्लू?
क्या है बर्ड फ्लू के लक्षण?
- बर्ड फ्लू से संक्रमित होने पर हलके से गंभीर बुखार हो सकता है.
- इसमें दस्त और उल्टी भी शामिल है.
- बुखार के साथ खांसी, गले में खराश, नाक बहना.
- मांसपेशियां में दर्द, सिरदर्द, थकान, सांस लेने में तकलीफ होना.
- इसमें तेज बुखार या निमोनिया भी हो सकता है.
बर्ड फ्लू का खतरा किसे सबसे अधिक है?
इंदौर के वेटनरी डाक्टर प्रशांत तिवारी के मुताबिक इंसानों में बर्ड फ्लू फैलने की संभावना बहुत कम और रेयर है. यह पशु-पक्षी के साधारण संपर्क में आने से नहीं फैलता है. इसका खतरा उन लोगों को सबसे अधिक है जो ज़्यादातर समय पक्षी और पशु के साथ रहते हैं. केवल मुर्गी से ही नहीं बल्कि अन्य संक्रमित पक्षी और पशु के संपर्क में रहने से यह फैल सकता है. इसका खतरा पोल्ट्री फार्म में सबसे अधिक है.
क्या मांस खाने से बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है?
डॉ। प्रशांत ने कहा कि मांस खाने से बर्ड फ्लू नहीं फैलता है. जो आदमी ज़्यादातर समय संक्रमित पशु या पक्षी के साथ है उसे इसका खतरा होता है. हिंदुस्तान में कच्चा मांस नहीं खाया जाता है. अधिकांश लोग मांस को उबालकर या अच्छे से पकाकर ही खाते हैं. 70 डिग्री सेल्सियस से अधिक हीट होने पर वायरस मर जाता है.
क्या अंडा खाने से बर्ड फ्लू फैल सकता है?
WHO के मुताबिक ऐसा कोई विज्ञान प्रमाण नहीं है जो बताता हो कि अंडे या अंडा उत्पादों के सेवन से लोग एवियन इन्फ्लूएंजा से संक्रमित हुए हैं. हालांकि पोल्ट्री में प्रकोप वाले क्षेत्रों के अंडों को कच्चा या आंशिक रूप से पकाया हुआ नहीं खाया जाना चाहिए.
भारत में क्या है स्थिति?
वर्तमान स्तिथि में हिंदुस्तान में बर्ड फ्लू से हुई आदमी की मृत्यु का कोई भी मुद्दा नहीं देखा गया है. यह बहुत रेयर मुकदमा है. हालांकि पिछले कुछ वर्षों में पोल्ट्री और अन्य पक्षियों में इस वायरस के कारण मृत्यु देखी गई है लेकिन इंसानों में इसके फैलने की संभावना बहुत कम है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हिंदुस्तान में बर्ड फ्लू के प्रति चेतावनी जारी की है.
मध्यप्रदेश में क्या है स्थिति?
इंदौर पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डाक्टर सुरेन्द्र कुमरावत के मुताबिक मध्यप्रदेश का पशु चिकत्सा विभाग, बर्ड फ्लू के लिए हाई अलर्ट पर है. किसी भी गांव या नए क्षेत्र में बहुत सारे मृत पक्षी मिले तो विभाग तुरंत पड़ताल प्रारम्भ कर देता है. इन पक्षियों का पोस्टमार्टम किया जाता है. लैब टेस्ट में इनकी मृत्यु का कारण कहा जाता है. इसके साथ ही पोल्ट्री फार्म और मीट बाजार में रैंडम सैंपलिंग भी ली जा रही है. सबसे अधिक सैंपलिंग अक्टूबर से फरवरी के बीच ली जाती है क्योंकि इन महीनों में इन्फेक्शन की संभावना अधिक होती है.
क्या बर्ड फ्लू कोविड-19 से भी अधिक खातरक है?
डॉ। कुमरावत और डाक्टर प्रशांत, दोनों के मुताबिक बर्ड फ्लू कोविड-19 जितना नुकसानदायक नहीं है. बर्ड फ्लू के खतरे की सूचना को लेकर लोगों के बीच भ्रम और भय फैलाया जा रहा है. कोविड-19 बहुत शीघ्र और सरलता से फैलने वाला वायरस है लेकिन बर्ड फ्लू का इंसानों में फैलना बहुत रेयर है.
बर्ड फ्लू के लिए क्या सावधानियां ज़रूरी हैं?
- WHO के मुताबिक उच्च जोखिम वाले वातावरण जैसे जीवित पशु बाजारों/फार्मों और जीवित मुर्गीपालन, या ऐसी सतहों के संपर्क से बचना चाहिए.
- साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने या अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र के इस्तेमाल से हाथ की स्वच्छता की राय दी जाती है.
- खाना पकाने के वातावरण को साफ रखना, कच्चे और पके हुए मांस को अलग करना. मांस को अच्छी तरह से पकाना चाहिए.
बर्ड फ्लू का खतरा हिंदुस्तान की तुलना में अन्य राष्ट्रों में अधिक है. हिंदुस्तान में कच्चा मांस नहीं खाया जाता है इसलिए इसकी इंसानों में फैलने की आसार भी कम है. भ्रमक और भय पैदा करने वाली जानकारियों से दूर रहें. हालांकि पोल्ट्री फार्म में स्वच्छता बनाए रखना ज़रूरी है जिससे रोंगों का खतरा कम हो. साथ ही मांस या अंडे को अच्छे से पकाकर ही खाएं.