डायबिटीज किडनी के साथ-साथ आपकी आंखों पर भी डालता है बुरा असर
देशभर में डायबिटीज की रोग लगभग हर घर के एक न एक सदस्यों में देखी जा रही है। पूरे विश्व में हिंदुस्तान चीन के बाद डायबिटीज के मुद्दे में दूसरा सबसे बड़ा घर माना जाता है। यह एक ऐसी रोग है। जिसके होने पर आपके शरीर में ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, हिमोग्लोबिन और किडनी के साथ साथ पूरे शरीर पर बुरा असर पड़ सकता हैं। लेकिन क्या आपको यह पता है कि डायबिटीज किडनी के साथ-साथ आपकी आंखों पर भी बुरा असर डालता है। जिससे धीरे-धीरे आपकी आंखों की रोशनी पूरी तरह से गायब हो सकती है।
डायबिटीज के मरीजों को 4 से 5 साल बाद धीरे-धीरे डायबीटिक रेटिनोपैथी रोग होने की संभावनाएं होती हैं। जो की 100 में से 80 फीसदी डायबिटीज रोगियों में पाया जाता है। वहीं इस गंभीर रोग के बारें में एम्स न्यू दिल्ली से (ट्रेंड इन रेटीना स्क्रीनिंग) का प्रशिक्षण प्राप्त गोड्डा के नेत्र जानकार चिकित्सक सुमित कुमार सिंह ने कहा की डायबिटीज रोगी यदि ठीक समय पर इस बीमरी की जांच नहीं करते हैं तो धीरे उनकी आंखों की पूरी रोशनी भी गायब हो सकती है।
क्या है डायबिटिक रेटीनोपेथी ?
डॉ सुमित ने बोला कि डायबीटिक रेटिनोपैथीएक ऐसी रोग हैं। जिसमें डायबिटीज के रोगी के आंखों के रेटिना में हानि पहुंचता है।डायबीटिक रेटिनोपैथी में रेटिना की पतली खून की नशे डैमेज होने लगती है। रोगी के आंखों की रोशनी धीरे-धीरे गायब होने लगती है। यह एक माइक्रोवस्कुलर कॉम्प्लिकेशन है। जो बिना किसी सांकेतिक लक्षणों के धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। इसका उपचार न करने पर आदमी पूरी तरह से भी अंधेपन का शिकार हो सकता है।
इस रोग से कैसे बचें
अगर कभी भी आपको जांच में पता चलता है कि आपको डायबिटीज हुआ है तो तुरंत आप एक अच्छे नेत्र जानकार चिकित्सक के पास जांच कराने के लिए पहुंचे। चिकित्सक आपकी आंखो के रेटीना को मशीन से जांच कर रेटिनोपैथी का पता लगाएंगे। यह रोग होने पर आपकी तुरंत उपचार प्रारम्भ कर दी जाएगी।वहीं शुरुआती दौर में आपकी डायबिटीज कंट्रोल होने पर भी रेटिनोपैथी होने का खतरा कम हो सकता है। इसके साथ डायबिटीज रोगी प्रतिदिन सुबह शाम पैदल पहले और खान-पान में हरी साग सब्जी के साथ आंखों के लिए लाभ वाला पौष्टिक आहार भी लेते रहें।