स्वास्थ्य

बार-बार मूत्र संक्रमण होने का क्या है कारण

यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (मूत्र पथ में संक्रमण) की परेशानी मर्दों और स्त्रियों दोनों में देखी जाती है, हालांकि स्त्रियों में यह संक्रमण होने की आसार अधिक होती है. अभी आइए जानते हैं कि यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन बार-बार क्यों होता है और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

यूरिन इन्फेक्शन एक बहुत ही आम परेशानी है, लेकिन यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की परेशानी मर्दों की तुलना में स्त्रियों में अधिक पाई जाती है, हालांकि इसके पीछे का साफ कारण ज्ञात नहीं है. यूटीआई की परेशानी में मूत्राशय की नली में संक्रमण फैल जाता है. मूत्र पथ हर्पीस वायरस या कुछ कवक, बैक्टीरिया और यीस्ट से भी संक्रमित हो सकता है. यदि समय रहते इसके लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए तो संक्रमण शरीर के अन्य अंगों जैसे किडनी, गर्भाशय आदि को भी प्रभावित कर सकता है और स्थिति गंभीर हो सकती है.

यूटीआई संक्रमण किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन बच्चों की तुलना में वयस्कों में यह परेशानी अधिक देखी जाती है. वैसे तो यह संक्रमण 7 से 15 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन यदि यह परेशानी बार-बार बनी रहती है तो इसके पीछे का कारण जानने की आवश्यकता है ताकि आप इस परेशानी से दूर रह सकें.

यूटीआई संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

मूत्राशय की नली में संक्रमण के कारण पेशाब करते समय जलन होना, पेशाब का रंग खराब होना और दुर्गंध आना, बार-बार पेशाब आना या पेशाब की मात्रा कम होना, स्त्रियों में पेल्विक (पेट के निचले हिस्से) में दर्द और मर्दों में दर्द होना. मलाशय में दर्द महसूस होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यदि संक्रमण बढ़ जाए तो मूत्राशय के साथ-साथ पीठ दर्द, बुखार, उल्टी और मतली जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं.

बार-बार मूत्र संक्रमण होने का क्या कारण है?

ज्यादातर लोगों में यूटीआई संक्रमण का कारण बैक्टीरिया होते हैं. जो, पर्सनल स्वच्छता का मुनासिब ध्यान न रखना, लंबे समय तक पेशाब न करना, मासिक धर्म के दौरान टैम्पोन या सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करने में ढिलाई बरतना आदि मूत्र पथ के संक्रमण का कारण बन सकते हैं.

इसके अतिरिक्त मधुमेह, गर्भावस्था के दौरान, एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक सेवन, पथरी की समस्या, पानी की कमी, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली आदि से पीड़ित लोगों में भी यूटीआई होने की आसार अधिक होती है. इसलिए इन सभी तथ्यों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है.

रोकथाम के तरीका क्या हैं?

यूरिनरी इन्फेक्शन की परेशानी से बचने के लिए पर्सनल स्वच्छता का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है. ऐसे कपड़े से बने कपड़े पहनें जो पसीना सोख सकें. साथ ही कमर से नीचे अधिक टाइट कपड़े न पहनें. स्त्रियों को मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इसके अतिरिक्त जितना हो सके पानी पीने के साथ-साथ पेशाब करते समय भी ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए. यदि इसके बाद भी लक्षण दिखें तो चिकित्सक से जांच जरूर कराएं.

क्या खाएं और किन चीज़ों से दूर रहें?

यूटीआई संक्रमण होने पर या इसकी रोकथाम के लिए मसालेदार, तले हुए और एसिड पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ खाने से बचना महत्वपूर्ण है. इसके अतिरिक्त चाय या कॉफी जैसी कैफीन युक्त चीजों के सेवन से भी बचना बेहतर है.

यूटीआई संक्रमण से बचाव के लिए प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ बहुत लाभ वाला होते हैं, नियमित रूप से अपने आहार में दही, योगर्ट आदि शामिल करें. इसके अतिरिक्त फाइबर युक्त चीजें जैसे ओट्स, विभिन्न प्रकार के अनाज, बीन्स आदि खाएं.

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