स्वास्थ्य

शरीर को सूखा कर रख देती इस हार्मोन की कमी

मधुमेह के दो मुख्य प्रकार हैं: There are two main types of diabetes:

टाइप 1 मधुमेह Type 1 Diabetes: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है।
टाइप 2 मधुमेह Type 2 Diabetes: यह तब होता है जब शरीर इंसुलिन का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है।

इंसुलिन की कमी के कुछ लक्षण: Symptoms of insulin deficiency

बार-बार पेशाब आना: जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, तो गुर्दे इसे मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने की कोशिश करते हैं।
अत्यधिक प्यास लगना: बार-बार पेशाब आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे अत्यधिक प्यास लगती है।
अत्यधिक भूख लगना: जब शरीर में इंसुलिन की कमी होती है, तो कोशिकाएं ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में उपयोग नहीं कर पाती हैं, जिससे अत्यधिक भूख लगती है।
वजन कम होना: भले ही आप ज्यादा खा रहे हों, लेकिन आपके शरीर को ऊर्जा के रूप में ग्लूकोज का उपयोग नहीं करने से आपका वजन कम हो सकता है।
थकान: इंसुलिन की कमी से ऊर्जा की कमी हो सकती है, जिससे थकान महसूस हो सकती है।
धुंधली दृष्टि: उच्च रक्त शर्करा स्तर आंखों के लेंस को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे धुंधली दृष्टि हो सकती है।

इंसुलिन की कमी के कुछ गंभीर परिणाम: Some serious consequences of insulin deficiency

डायबिटिक कीटोएसिडोसिस: यह एक गंभीर स्थिति है जो तब हो सकती है जब शरीर में इंसुलिन की बहुत कमी हो।
हाइपोग्लाइसीमिया: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत कम हो जाता है।
हृदय रोग: मधुमेह हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है।
स्ट्रोक: मधुमेह स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है।
गुर्दे की बीमारी: मधुमेह गुर्दे की बीमारी का एक प्रमुख कारण है।
अंधापन: मधुमेह अंधापन का एक प्रमुख कारण है।
तंत्रिका क्षति: मधुमेह तंत्रिका क्षति का कारण बन सकता है, जिससे हाथों और पैरों में दर्द, सुन्नता और झुनझुनी हो सकती है।

इंसुलिन की कमी का इलाज: Treatment of insulin deficiency

मधुमेह का इलाज पूरी तरह से नहीं होता है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। मधुमेह को नियंत्रित करने के कुछ तरीके हैं: इंसुलिन: यदि आपको टाइप 1 मधुमेह है, तो आपको इंसुलिन लेने की आवश्यकता होगी।
दवाएं: कुछ मौखिक दवाएं हैं जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
आहार: स्वस्थ आहार खाने से रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करने से रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
यह भी ध्यान रखें कि अगर आपको मधुमेह है, तो आपको नियमित रूप से अपने रक्त में ग्लूकोज के स्तर की जांच करवानी चाहिए।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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