सेहत बनाते हैं ये पांच मसाले
प्राकृतिक रूप से तैयार मसाले सिर्फ़ खाने को टेस्टी ही नहीं बनाते, बल्कि स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं। लाल मिर्च को छोड़ दें, तो मसालों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और कैंसररोधी तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।
इलायची : पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक
इसे ‘मसालों की रानी’ बोला जाता है। इसकी खेती भारत, श्रीलंका और मध्य अमेरिका में की जाती है। प्राचीन काल से ही इसका इस्तेमाल मसाले के रूप में और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में किया जाता रहा है। हिंदुस्तान समेत पूरे विश्व में खाने में इलायची का इस्तेमाल होता है। इलायची में पाया जाने वाला ऑयल पाचन क्रिया में सहायक होता है। इसकी वजह से शरीर का मेटाबोलिज्म भी अच्छे से काम करता है और भूख बढ़ती है।
दालचीनी : शुगर के इलाज में भी कारगर
खाने के अतिरिक्त दालचीनी का टूथपेस्ट, माउथवाश और च्वुइंगम में भी इसका प्रयोग होता है। दालचीनी में पाये जाने वाले यूजेनाल और सिनेमेल्डीहाइड दर्द निवारक की तरह काम करते हैं। दालचीनी खून के बहाव और थक्का जमने की प्रक्रिया को ठीक रखती है और जलन को दूर करती है। इसके अतिरिक्त दालचीनी डायबिटीज के उपचार में भी कारगर है। दालचीनी गर्म होती है, इसलिए ठंड के दिनों में इसके प्रयोग से सर्दी, खांसी और जुकाम से राहत मिलती है।
लौंग : दांत के दर्द झट से करता है दूर
लौंग एक सुगंधित मसाला है, जो लौंग के पेड़ के सूखे फूलों से तैयार होता है। लौंग का प्रयोग साबुत करने के साथ-साथ पीस कर भी किया जा सकता है। आमतौर पर खाने को सुगंधित बनाने के लिए लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। दांत के दर्द दूर को करने में लौंग के ऑयल को बेहतरीन इलाज माना जाता है। इसके अतिरिक्त लौंग में पाया जानेवाला यूजेनाल जलन और आर्थराइटिस (जोड़ों की बीमारी) के दर्द से निजात दिलाता है। यह बीटा-कैरोटीन का भी एक बड़ा साधन है। इसी की वजह से लौंग का रंग गहरा भूरा होता है।
जीरा : ढेर सारे स्वास्थ्य फायदा समेटे है यह
दुनियाभर में लोग जीरे का इस्तेमाल भोजन में मसाले के रूप में करते हैं। जीरे के ये छोटे-छोटे बीज में अपने भीतर ढेर सारे स्वास्थ्य फायदा समेटे हुए हैं। दाल फ्राइ या चावल फ्राइ करने के लिए हम जीरा का इस्तेमाल करते हैं, जो पाचनतंत्र को ठीक रखने के साथ सूजन दूर करने में मददगार साबित होता है। खून साफ रखने में भी जीरा की अहम किरदार होती है। कई शोधों से पता चला है कि जीरा एंटी बैक्टीरियल गुणों से लैस है। कई अध्ययनों से पता चला है कि जीरा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायता कर सकता है।
हल्दी : कैंसररोधी गुणों से लैस है यह
खाने में इसके इस्तेमाल के साथ-साथ इसका इस्तेमाल सदियों से सांस संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए दवा के रूप में भी किया जाता रहा है। कई अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि हल्दी एक सुपर फूड है, जो कैंसररोधी गुणों से लैस है। हल्दी एंटीसेप्टिक की तरह प्रयुक्त की जाती है। साथ ही यह अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) के रोगियों के लिए भी काफी मददगार है। चोट लग जाने पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। मौसम बदलाव होने पर होनेवाली सर्दी में दूध-हल्दी पीना बहुत लाभ वाला माना जाता है।