तनाव भरी लाइफस्टाइल के चलते कॉलेस्ट्रॉल बनी एक बड़ी समस्या
तनाव भरी लाइफस्टाइल के चलते कॉलेस्ट्रॉल एक बड़ी समस्या बन गया है। हार्ट के लिए दुश्मन का काम करने वाले कॉलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट अटैक का रिस्क भी कई गुना बढ़ जाता है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा कम रखने के लिए खानपान, दवाओं और भागदौड़ की राय देते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है कि कॉलेस्ट्रॉल को केवल बैठकर भी घटाया जा सकता है? इसके लिए आपको प्रतिदिन भागने-दौड़ने की आवश्यकता नहीं है और ये बात हम नहीं कह रहे, ये बोलना है कि राष्ट्र के जाने-माने योग चिकित्सक का।।
आपको बता दें कि शरीर में दो प्रकार का कॉलेस्ट्रॉल होता है, गुड कॉलेस्ट्रॉल यानि हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन और बेड कॉलेस्ट्रॉल यानि लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन। यह फैट का ही एक रूप मोम जैसा पदार्थ होता है जो नसों में जम जाता है और हार्ट को शरीर के अंगों तक खून पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसी वजह से अक्सर हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के मुद्दे भी सामने आते हैं। हालांकि बेड कॉलेस्ट्रॉल को आप प्रतिदिन 15 मिनट शांत बैठकर भी घटा सकते हैं।
एसएम योग रिसर्च इंस्टीट्यूट एंड नेचुरोपैथी अस्पताल इंडिया के सचिव और शांति मार्ग द योगाश्रम अमेरिका के फाउंडर और सीईओ योगगुरु डाक्टर बालमुकुंद शास्त्री बताते हैं कि योग में 8 हस्त मुद्राओं के बारे में कहा गया है। ये इतनी प्रभावशाली हैं कि यदि कोई इनका अभ्यास कर ले तो वह कई रोंगों को दूर भगा सकता है। कॉलेस्ट्रॉल को घटाने के लिए भी ऐसी ही एक मुद्रा है वरुण मुद्रा।
जल मुद्रा घटाती है कॉलेस्ट्रॉल
डॉ। बालमुकुंद कहते हैं कि वरुण मुद्रा यानि जल मुद्रा हमारे शरीर में पानी की मात्रा को पर्याप्त करती है। यह हमारे शरीर को हाइड्रेट करती है। यह आंखों की सफाई करती है। आंसुओं के माध्यम से गंदगी को बाहर करने में सहायता करती है। यह लार यानि सलाइबा बनाने में भी कारगर है। खास बात है कि जल का काम सफाई करना है, ऐसे में जल मुद्रा से शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है। यह ब्लड को साफ करने के साथ ही कॉलेस्ट्रॉल को घटाने और खून की मात्रा को पर्याप्त करने का काम बेहतर ढंग से करती है। इनके अतिरिक्त इससे चेहरे पर ग्लो बढ़ता है। आंखों की रोशनी बढ़ती है। शरीर का मोटापा छंटता है, तेज बढ़ता है और कम ही समय में वजन घटने लगता है।
बस कुछ दिन में ही दिखेगा लाभ
इस मुद्रा को प्रतिदिन 10 से 15 मिनट करना चाहिए। यदि और ज्यादा फायदा चाहिए तो सुबह और शाम दोनों वक्त भी कर सकते हैं। ध्यान रहे कि खाने के बाद इसका अभ्यास न करें। खाने के बाद कम से कम 3 से 4 घंटे का गैप जरूर करें।
ऐसे बनाएं वरुण मुद्रा
सबसे पहले हाथ की सबसे छोटी उंगली कनिष्ठा के अग्र भाग को अंगूठे के अग्र भाग से मिला लें और कमर और गर्दन सीधी रखकर इसे किसी भी ध्यानात्मक आसन जैसे वज्रासन, सुखासन, पद्मासन या सिद्धासन में लगाकर बैठ जाएं। हाथों को घुटनों पर रखें और कुछ देर आंखें बंद कर ध्यान करें। इसका चमत्कारिक अनुभव देखने को मिलेगा।
ये लोग न करें इसका अभ्यास
ऐसे व्यक्ति जिनका कफ और पित्त बढ़ा है वे लोग इसका अभ्यास न करें। जल मुद्रा शरीर में सर्दी बढ़ाती है इसलिए पित्त या कफ की स्थिति में यह हानिकारक हो सकता है। लेकिन जिनका वात बढ़ा हुआ है वे इसका अभ्यास जरूर करें।