डेंगू की पहचान कैसे करें और बुखार आने पर कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए,जाने…
What Makes Dengue Worse: डेंगू एक वायरल बुखार है, जो वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। बरसात के मौसम में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। पिछले कुछ हफ्ते में राजधानी दिल्ली, यूपी, हरियाणा समेत कई राज्यों में डेंगू के रोगियों की तादाद बढ़ रही है। डेंगू एक घातक बुखार है, जिसमें लोगों के शरीर में प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाता है और ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू होने पर जल्द से जल्द ठीक उपचार कराना महत्वपूर्ण होता है, अन्यथा रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। डेंगू के लक्षण बहुत सामान्य होते हैं और कई बार लोगों को यह वायरल बुखार की तरह लगता है। ऐसे में लोग स्वयं बुखार की दवाइयां लेना प्रारम्भ कर देते हैं, जो बहुत घातक है। आज चिकित्सक से जानेंगे कि डेंगू की पहचान कैसे करें और बुखार आने पर कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल की फिजीशियन डाक्टर सोनिया रावत कहती हैं कि डेंगू एक वायरल बुखार है, जो एडीज एजेप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू बुखार के लक्षण मच्छर काटने से 4 से 10 दिन बाद नजर आते हैं। इसके लक्षण वायरल फीवर से मिलते-जुलते होते हैं। डेंगू होने पर तेज बुखार, शरीर में दर्द, तेज सिरदर्द, उल्टी आना, पेट में दर्द और अत्यधिक वीकनेस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि डेंगू में प्लेटलेट काउंट तेजी से कम होता है, जो वायरल बुखार में नहीं होता है। यदि बुखार आने पर ब्लड टेस्ट कराने पर प्लेटलेट काउंट घटता हुआ दिखे, तो यह डेंगू होने का सबसे बड़ा संकेत है। ऐसे में बिना ढिलाई के तुरंत चिकित्सक से मिलकर उपचार कराना चाहिए। ऐसी कंडीशन में स्वयं दवाएं लेना घातक हो सकता है।
बुखार आने पर कभी न करें ये 3 गलतियां
डॉक्टर सोनिया रावत के मुताबिक डेंगू बुखार आने पर केवल पैरासिटामोल दवा ही लेनी चाहिए। आप दिन में 3 बार पैरासिटामोल टेबलेट ले सकते हैं। बुखार आने पर कुछ गलतियां करना बहुत हानिकारक हो सकता है। सबसे पहली बात यह ध्यान रखनी चाहिए कि डेंगू होने पर एंटीबायोटिक दवाएं नहीं लेनी चाहिए। दूसरा डेंगू के रोगियों को हैवी डोज पेनकिलर्स नहीं लेने चाहिए। तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डेंगू होने पर लोगों को घरेलू नुस्खे नहीं अपनाने चाहिए। ऐसा करने से प्लेटलेट काउंट तेजी से गिर सकता है। एंटीबायोटिक और पेनकिलर दवाएं लेने से इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा भी बढ़ सकता है, जो लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है। ऐसे में हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि बुखार आने पर केवल पैरासिटामोल टेबलेट लें और 2-3 दिन तक बुखार ठीक न हो, तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। इससे आपको ठीक रोग का पता चल जाएगा।
जानें डेंगू से रिकवर होने का बेस्ट तरीका
एक्सपर्ट की मानें तो डेंगू बुखार से शीघ्र रिकवर होने के लिए लोगों को चिकित्सक की राय पर दवाएं लेनी चाहिए। डाइट में अधिक से अधिक लिक्विड चीजें शामिल करनी चाहिए। पानी खूब पीना चाहिए और अधिक से अधिक आराम करना चाहिए। प्लेटलेट्स को बढ़ाने पर फूड्स का सेवन करना चाहिए और बुखार आने पर केवल पैरासिटामोल टेबलेट लेनी चाहिए। डेंगू के रोगियों को कई बार ब्लड टेस्ट कराने की आवश्यकता होती है, ताकि प्लेटलेट्स काउंट का पता लगाया जा सके। अत्यधिक सावधानी बरतकर डेंगू से कम समय में रिकवर किया जा सकता है।