स्वास्थ्य

अगर आपका बच्चा भी चूसता है अंगूठा, तो यह आदत बन सकती है चिंता का विषय

Baby Sucking Thumb : बच्चों में अंगूठा चूसने की आदत बहुत आम है. लगभग सभी बच्चे किसी न किसी समय अपने अंगूठे या उंगलियां चूसते हैं. यह एक सामान्य और स्वाभाविक व्यवहार है जो उन्हें शांत और सुरक्षित महसूस कराता है. लेकिन, जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, यह आदत चिंता का विषय बन सकती है.

इस लेख में, हम अंगूठा चूसने की आदत के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे. हम जानेंगे कि यह आदत कब प्रारम्भ होती है, इसके कारण क्या हैं, और यह कब परेशानी बन जाती है. साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि इस आदत को कैसे छुड़ाया जा सकता है.

अंगूठा चूसने की आदत कब प्रारम्भ होती है?

अधिकांश बच्चे गर्भावस्था के दौरान ही अंगूठा चूसना प्रारम्भ कर देते हैं. वे अपने हाथों को अपने मुंह में रखते हैं और चूसने लगते हैं. यह एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है जो उन्हें शांत और सुरक्षित महसूस कराती है.

जन्म के बाद, बच्चे अंगूठा चूसने की आदत जारी रख सकते हैं. यह आदत उन्हें शांत करने, स्वयं को सुलाने और तनाव से निपटने में सहायता करती है. लगभग 2 से 4 वर्ष की उम्र तक, अधिकतर बच्चे अंगूठा चूसना छोड़ देते हैं.

अंगूठा चूसने के कारण: 

1. सुरक्षा और आराम : अंगूठा चूसने से बच्चों को सुरक्षित और आरामदायक महसूस होता है. यह उन्हें तनाव, चिंता और बोरियत से निपटने में सहायता करता है.

2. स्वयं को शांत करना : अंगूठा चूसने से बच्चों को स्वयं को शांत करने में सहायता मिलती है. यह उन्हें रोने या गुस्से से निपटने में सहायता करता है.

3. स्वयं को सुलाना : अंगूठा चूसने से बच्चों को स्वयं को सुलाने में सहायता मिलती है. यह उन्हें सोने से पहले शांत और आरामदायक महसूस कराता है.

4. दांत निकलना : जब बच्चों के दांत निकल रहे होते हैं, तो उनके मसूड़ों में दर्द और खुजली होती है. अंगूठा चूसने से उन्हें इस दर्द और खुजली से राहत मिलती है.

5. कुछ नया सीखना : जब बच्चे कुछ नया सीख रहे होते हैं, तो वे अंगूठा चूसने लग सकते हैं. यह उन्हें शांत और ध्यान केंद्रित करने में सहायता करता है.

अंगूठा चूसने की आदत कब परेशानी बन जाती है?

अंगूठा चूसने की आदत आमतौर पर तब तक परेशानी नहीं होती जब तक कि बच्चा 4 वर्ष का नहीं हो जाता. लेकिन, यदि बच्चा 4 वर्ष के बाद भी अंगूठा चूसता रहता है, तो यह कुछ समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे:

1. दांतों की परेशानी : लगातार अंगूठा चूसने से बच्चों के दांतों की संरचना प्रभावित हो सकती है. इससे दांतों का गलत ढंग से बढ़ना, दांतों का टेढ़ा होना और दांतों के बीच गैप होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

2. भाषण की परेशानी : लगातार अंगूठा चूसने से बच्चों के भाषण के विकास में परेशानी आ सकती है. इससे बच्चों को कुछ शब्दों का उच्चारण करने में कठिनाई हो सकती है.

3. सामाजिक परेशानी : लगातार अंगूठा चूसने से बच्चों को सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. दूसरे बच्चे उनका मजाक उड़ा सकते हैं या उन्हें अलग-थलग कर सकते हैं.

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