जानें, एक दूसरे से कितने अलग हैं हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट
आजकल हार्ट अटैक से मरने वालों की न्यूज पढ़ते रहते हैं या सुनते भी हैं। इनमें बच्चों से लेकर बड़ों तक में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के मुद्दे सामने आते रहते हैं। अभी हाल ही टीवी अभिनेता ऋतुराज सिंह की मृत्यु कार्डियक अरेस्ट आने से हो गई है। वह केवल 59 वर्ष के थे। वो हॉस्पिटल में पेनक्रियाज से जुड़ी किसी परेशानी का ट्रीटमेंट कराने के लिए भर्ती थे और जब वह वहां से वापस लौट रहे थे, तभी उन्हें सीने में परेशानी महसूस हुई और अचानक ही दम तोड़ दिया। ऐसे ही कई टीवी और फिल्मी पर्दों पर काम करने वाले कई लोगों की हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु हुई है।
आखिर ये दिल से जुड़ी परेशानियां बिल्कुल कैसे आ जाती हैं और ज्यादातर हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मुद्दे लगातार हम देखते रहते हैं, लेकिन कुछ लोगों को ये बिलकुल नहीं पता होता है कि दोनों में क्या अंतर है, कैसे लक्षण दिखते हैं और क्या-क्या संकेत मिल सकते हैं या महसूस हो सकते हैं।
देखा जाए तो दोनों के पीछे ही बिगड़ती जीवनशैली और टाइट शेड्यूल के बीच इन दिनों काफी दिल से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल जाती हैं। इन्हीं में कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के मुद्दे अधिक नजर आ रहे हैं। ये दोनों कभी भी और कहीं भी और किसी भी रूप में आपको शिकार बना सकते हैं। कभी-कभी लोग हार्ट अटैक को कार्डियक अरेस्ट और कार्डियक अरेस्ट को हार्ट अटैक समझ लेते हैं, लेकिन दोनों के ही लक्षण एक-दूसरे से अलग होते हैं। कार्डियक अरेस्ट बिना लक्षण के ही आता है।
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर
- जब दिल में खून नहीं जा पाता है, तो हार्ट अटैक आता है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट में दिल अचानक से ही काम करना बंद कर देता है।
- जब आर्टरी में ब्लड फ्लो रुकता है, तो ऑक्सीजन की कमी से दिल का एक भाग मरने लगता है। वहीं, दूसरी तरफ कार्डियक में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है और ऐसा होने पर आपके साथ कुछ भी हो सकता है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
- कार्डियक अरेस्ट में एकदम लक्षण नहीं दिखते हैं, ये अचानक से ही आता है।
- दिल की धड़कन अचानक से तेज हो जाती है और नॉर्मल सांस नहीं ले पाते हैं।
- इसमें पल्स और ब्लड प्रेशर तक रुक जाता है।
- ऐसी कंडीशन में ब्रेन और शरीर के बाकी भागों में खून नहीं जा पाता है।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बीच ये हैं कुछ खास अंतर
- हार्ट अटैक तब होता है जब कोरोनरी आर्टरी ब्लॉक हो जाती हैं। दिल की मांसपेशी से खून की आपूर्ति नहीं हो पाती है और यदि उपचार न किया जाए, तो वह धीरे-धीरे मरना प्रारम्भ कर देती हैं, क्योंकि उन्हें भरपूर ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।
- कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब किसी का दिल उसके शरीर के चारों ओर ब्लड पंप करना बंद कर देता है और वह सामान्य रूप से सांस लेना बंद कर देता है।
दोनों में कौन है सबसे अधिक खतरनाक
अगर दोनों में से अधिक घातक की बात करें, तो वह कार्डियक अरेस्ट है। क्योंकि इसमें कोई लक्षण दिखते नहीं है। जबकि हार्ट अटैक का संकेत 48-24 घंटे पहले ही मिलने लगता है, जिसमें रोगी को संभलने का मौका मिल जाता है और कार्डियक अरेस्ट में कोई मौका नहीं मिल पाता है।
कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
- रोजाना फिजिकल एक्टिविटीज करें और वेट बढ़ने न दें।
- कार्डियो एक्सरसाइज करें, जैसे- जॉगिंग या बैडमिंटन और फुटबॉल खेलें।
- जंक फूड से दूर रहें और फ्रूट्स के साथ-साथ अंकुरित अनाज खाएं।
- भरपेट खाना खाने से बचना चाहिए।
- रात में शीघ्र सोना चाहिए और सुबह शीघ्र उठें।
- स्ट्रेस और अकेलेपन से बचने की प्रयास करें।
- 30 की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की जांच करवाना प्रारम्भ कर दें।