बंगाल में 5000 से अधिक डेंगू के मामले, इन कारणों से फैल रहा डेंगू
पश्चिम बंगाल में डेंगू के मुद्दे हर रोज बढ़ते ही जा रहे हैं। कोलकाता नगर निगम और राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार कोशिश के बावजूद डेंगू संक्रमित लोगों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में राज्य गवर्नमेंट द्वारा जागरूकता अभियान को और तेज करने का निर्देश दिया गया है। राज्य गवर्नमेंट द्वारा मच्छरदानी वितरित किया जा रहा है। इसके बावजूद बंगाल में डेंगू का कहर जारी है।स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक डेंगू के मुद्दे 5000 के पार पहुंच गये है। वहीं अब तक 12 लोगों की मृत्यु हो गई है। मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर नियंत्रण के लिए सभी नगरपालिकाओं में ड्रोन की सहायता से नज़र सहित पल्स मोड सफाई गतिविधि प्रारम्भ की गयी है। इसके अतिरिक्त घर-घर सर्वेक्षण गतिविधियां राज्य के सभी 129 नगरपालिका क्षेत्र में प्रारम्भ कर दी गयी हैं, जो एक दिसंबर तक जारी रहेंगी।
इन कारणों से फैल रहा डेंगू
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक खुले नाले, खाली जमीन, कुएं और तालाबों के कारण डेंगू फैल रहा है। दक्षिण कोलकाता में खाली जमीन, खुले नाले तालाब और कुओं की संख्या अधिक है। जिसके कारण यहां डेंगू के अधिक मुद्दे सामने आ रहे हैं। रिपोर्ट में तालाब, खाली जमीन, कुआं की संख्या का भी जिक्र किया गया है। बता दें कि कोलकाता नगर निगम अधीन कुल 16 बोरो हैं। एक से लेकर 15 बोरो में 11813 कुएं, 12751 खुले नाले (ओपेन ड्रेन) 1923 तालाब, 4528 निर्माणाधीन इमारते और 5029 खुली जमीनें हैं। दक्षिण कोलकाता के बोरो आठ से 14 में कुल 88 प्रतिशत खुले नाले, 77.5 प्रतिशत तालाब, 63 फीसदी निर्माणाधीन इमारतें, 85 कुएं और 88 प्रतिशत खाली जमीन है। इन जगहों पर ही डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का लार्वा पनप रहा है। इस वजह से दक्षिण कोलकाता डेंगू के मुद्दे में टॉप पर है
माह दो बार मनाया जा रहा स्वच्छता सप्ताह
राज्य गवर्नमेंट की ओर से अगस्त से प्रत्येक माह में दो बार स्वच्छता हफ्ते मनाने का निर्देश दिया गया था। जिसके मुताबिक स्वच्छता हफ्ते की आरंभ की गई है। शहरी और उप शहरी क्षेत्रों में बेकार पड़े सामान के संग्रहण सहित अन्य क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। रेलवे, बंदरगाह, रक्षा आदि सहित केंद्रीय सरकारी संस्थानों और अन्य औद्योगिक इकाइयों से भी उनके क्षेत्रों में मुनासिब सफाई अभियान के लिए निवेदन किया जा रहा है। समुदाय में जागरूकता पैदा करने के लिए अगस्त से विद्यालय आधारित अभियान प्रारम्भ किये जायेंगे। कहा गया है कि पूरे राज्य भर में 160 सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त डेंगू परीक्षण की सेवा मौजूद है। लगभग 9,000 डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल स्टाफ को डेंगू मरीजों के मुकदमा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है।