फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए कच्चे और पके खाने का ऐसे रखे ध्यान
बरसात के दिनों में लोगों को प्याज और सब्जियों के पकौड़े खूब भाते हैं। लेकिन इन सब्जियों पर घातक बैक्टीरिया और फंगस भी हो सकते हैं। जो लोगों को बीमार कर सकते हैं। इन्हीं फंगस की वजह से बरसात की उमस में फल और सब्जियां शीघ्र खराब होती हैं। साथ ही पका हुआ खाना भी 3 घंटे के अंदर बासी हो जाता है। यानी तीन घंटे पहले बना खाने खाने से भी फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
ऐसे में बरसात के दिनों फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए कच्चे और पके खाने का खास ध्यान रखना महत्वपूर्ण हो जाता है।
बरसात में पनपते न दिखने वाले फंगस और बैक्टीरिया
डाइटीशियन डाक्टर कोमल सिंह बताती हैं कि नमी वाला चिपचिपा मौसम बैक्टीरिया और फंगस के पनपने के लिए उपयुक्त होता है। इस दौरान बने हुए खाने में तीन घंटे के भीतर बैक्टीरिया और फंगस पनपने लगते हैं।
यही वजह है कि बरसात के दिनों में खाना 3-4 घंटे में ही खराब हो जाता है। आमतौर पर लोग 10-12 घंटे पहले पके खाने को भी ताजा ही मानते हैं। ठंड के मौसम में कुछ हद तक ऐसा चल भी जाता है। लेकिन बरसात के मौसम में ऐसी आदत घातक हो सकती है।
खाने में पनपे फंगस और बैक्टीरिया हमें दिखाई नहीं देते; लेकिन शरीर के अंदर जाने के बाद ये हाजमा बिगाड़ सकते हैं और गंभीर स्थिति में टायफाइड, हैजा और फूड पॉइजनिंग की भी वजह बन सकते हैं।
बरसात में फल-सब्जियां काटकर रखना खतरनाक
साफ दिखने के बावजूद फल और सब्जियों के छिलके पर घातक बैक्टीरिया और फंगस पनप सकते हैं। कई बार लोग कटे हुए फल और सब्जियों को स्टोर करके रख लेते हैं।
लेकिन इन कटे हुए फल-सब्जियों में बैक्टीरिया और फंगस संपर्क में आते हैं। दूसरी ओर, कटे हुए फल-सब्जियों को इस्तेमाल से पहले धोया भी नहीं जाता है। ऐसे में यह आदत बीमार कर सकती है।
उमस भरे मौसम में कच्ची सब्जियां, सलाद से बचें, नींबू का करें इस्तेमाल
डॉ। कोमल सिंह बताती हैं कि बरसात के दिनों में प्रयास करनी चाहिए कि कोई भी सब्जी बिना उबाले न खाएं। इन दिनों में कच्चा सलाद नहीं खाना चाहिए। इसकी वजह पर उबली या भुनी हुई सब्जियां खा सकते हैं। यदि किसी कारण से सलाद खाना भी पड़े तो प्रयास करें तो उस पर पर्याप्त मात्रा में नींबू का रस डाल दिया जाए।
खाने में विटामिन-सी से भरपूर नींबू का इस्तेमाल बढ़ाएं तो इम्यूनिटी बढ़ने के साथ ही खाना भी शीघ्र खराब नहीं होगा। इसके अतिरिक्त लहसुन और काली मिर्च का इस्तेमाल बढ़ा देना चाहिए।
घर लाने के बाद तुरंत धोएं फल-सब्जियां
इन दिनों बाजार के फल-सब्जियों में फंगस और बैक्टीरिया होते ही हैं। ऐसे में बाजार से लाए गए फल-सब्जियों को सीधे फ्रिज या किचन में रख दें तो वे दूसरी सब्जियों और फलों को भी खराब कर देते हैं। इसलिए बाजार से लाए गए किसी भी सब्जी या फल को स्टोर करने से पहले धो लेना चाहिए।
गुनगुने पानी में सिरका मिलाकर साफ करें फल-सब्जियां
फल-सब्जियों को सादे पानी से धोने की स्थान सिरके का इस्तेमाल कर सकते हैं। टब में गुनगुना पानी लेकर उसमें 1-2 चम्मच सिरका मिलाने के बाद फल-सब्जियों को 10 मिनट के लिए उसमें भिगो दें।
फिर हल्के हाथों से उन्हें साफ करके अच्छी तरह से सुखा लें और फिर स्टोर करें। ऐसा करने से फल और सब्जियों की लाइफ बढ़ जाती है और वे शीघ्र खराब नहीं होतीं।
जड़ और डंठल काटकर स्टोर करें साग, धनिया-पुदीना
पत्तेदार सब्जियों, साग और पुदीना, धनिया वगैरह को स्टोर करने या फ्रिज में रखने से पहले उसका जड़ वाला हिस्सा और डंठल काट दें। जड़ और डंठल में मिट्टी के साथ बैक्टीरिया और फंगस हो सकते हैं। ऐसे में उन्हें अलग कर देना ही बेहतर है।
साथ ही इन्हें फ्रिज में रखने से पहले पेपर में लपेट दें तो ये अधिक दिनों तक ताजे बने रहते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्टोर वाली स्थान सूखी और हवादार हो। वहां नमी एकदम भी नहीं होनी चाहिए।
बरसात के दिनों में खाने की चीजों को नमी वाली हवा से बचाकर रखना महत्वपूर्ण है। इसमें खाना शीघ्र खराब होता है।
फ्रिज में सीधे न रखें फल-सब्जी, एयरटाइट कंटेनर जरूरी
बरसात के दिनों में हवा में नमी होती है। हवा में उपस्थित नमी के चलते ही फल-सब्जियां शीघ्र खराब होती हैं। ऐसे में यदि फल-सब्जियों को खूब अच्छे से धोकर और सुखाकर सीधे फ्रिज मे या बाहर स्टोर कर दें तो कोई लाभ नहीं होगा।
हवा में उपस्थित नमी फल-सब्जियों को खराब कर देगी। इसलिए महत्वपूर्ण है कि फल-सब्जियों, खासकर कटे हुए फल-सब्जियों को एयरटाइट कंटेनर में ही रखें।
इन फल-सब्जियों को ऐसे करें स्टोर…।
हरी पत्तेदार सब्जियां- जड़-डंठल काटकर टिश्यू पेपर में लपेट कर रखें।
आलू-प्याज- भिन्न-भिन्न टोकरी में सूखी और हवादार स्थान पर रखें।
सेब- फ्रिज या ठंडी-अंधेरी और सूखी स्थान पर पेपर में लपेट कर रखें।
केला- फल के डंठल को फॉइल या किसी भी पेपर से ढंक दें। इससे केले पर काली धारियां नहीं आएंगी।
नींबू- पानी भरे कांच के जार में स्टोर कर सकते हैं। इससे नींबू अधिक समय तक सुरक्षित रहेंगे।
हरी मिर्च- जिपलॉक बैग में लपेटकर फ्रिज में स्टोर करें। ध्यान रहे कि ठंडक सीधे मिर्च तक न पहुंचे।