थैलेसीमिया होने पर नहीं खाना चाहिए ये खून बढ़ाने वाले फूड्स
थैलेसीमिया एक जेनेटिक स्थिति है जिसमें आदमी का शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में उपस्थित एक जरूरी प्रोटीन है। जिसके कारण बॉडी के सभी हिस्सों में अच्छी तरह से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। इसलिए हर दो से तीन सप्ताह में रोगी को खून चढ़ाना पड़ता है।
चूंकि थैलेसीमिया में बॉडी में आयरन लेवल काफी बढ़ जाता है। इसलिए कई ऐसे फूड्स जो खून बढ़ाने का काम करते हैं, के सेवन से परहेज करने की राय दी जाती है। ताकि आयरन लेवल कंट्रोल रहे और कोई भी अंग इससे डैमेज ना हो।
पालक
पालक विटामिन सी और आयरन से भरपूर होता है, जो बॉडी में आयरन के अवशोषण को काफी बढ़ाता है। जिसके कारण से थैलेसीमिया में इसके सेवन से बचने की राय दी जाती है।
रेड मीट
गोमांस, भेड़ का मांस और सूअर का मांस सभी हीम आयरन से भरपूर होते हैं, जिसे शरीर सरलता से अवशोषित कर लेता है। ऐसे में थैलेसीमिया मरीजों को रेड मीट खाने से बचना चाहिए अन्यथा शरीर में आयरन का लेवल बहुत बढ़ जाता है।
मछली
हालांकि मछली आमतौर पर स्वस्थ आहार का हिस्सा मानी जाती है, लेकिन कुछ प्रकार की मछलियां विशेष रूप से टूना, स्वोर्डफिश और शार्क में हाई आयरन लेवल होता है जिसे थैलेसीमिया में खाना हानिकारक साबित हो सकता है।
मल्टीविटामिन
कई मल्टीविटामिन में आयरन होता है। थैलेसीमिया मरीजों को चिकित्सक के परामर्श के बिना किसी भी मल्टीविटामिन का सेवन नहीं करना चाहिए।
ऑरेंज जूस
ऐसे ऑरेंज जूस जो आयरन से फोर्टिफाइड होते है इसका सेवन थैलेसीमिया रोगियों को नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही खट्टे फलों को खाने से बचना चाहिए क्योंकि विटामिन सी आयरन के एब्जॉर्बशन को बढ़ाता है।