दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए मिलाया जा रहा ये खतरनाक कैमिकल
सुबह की चाय स्वास्थ्य खराब कर रही है? दूध पीना भी नुकसानदायक हो गया है? दही, लस्सी, छांछ भी है खतरनाक? ये प्रश्न इसीलिए उठ रहे हैं क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने दूध और डेयरी प्रॉडक्ट्स को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी है। दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिपोर्ट दाखिल हुई है। जिसमें ये दावा किया गया है कि डेयरी में दूध की पैदावार को बढ़ाने के लिए नुकसानदायक केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। दावा किया गया है कि दिल्ली में जो दूध सप्लाई हो रही है उसमें ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऑक्सीटोसिन को केंद्र गवर्नमेंट ने 2018 में ही बैन कर दिया है। दावा है कि ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल दूध की पैदावार को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
याचिका में क्या दावा?
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली गवर्नमेंट को इस मुद्दे में ऑक्सीटोसिन के इस्तेमाल की जांच करने को बोला है। दिल्ली पुलिस समेत अन्य एजेंसियों को डेयरी कॉलोनियों में ऑक्सीटोसिन के गलत इस्तेमाल के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। लेकिन यहां प्रश्न ये उठता है कि आखिर ये ऑक्सीटोसिन है क्या और इसका इतस्तेमाल मवेशियों और इंसानों के लिए कितना घातक है।।
क्या कहती है रिसर्च
एक रिसर्च में ये दावा किया गया है कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगे दूध को पीने से 5 वर्ष तक के बच्चों का पाचन खराब हो सकता है। उनकी आंखों पर चश्मा चढ़ सकता है। 5 से 15 तक के बच्चों का विकास बाधित हो सकता है। 15 से 30 वर्ष के युवाओं में हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिसे चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन की कम्पलेन हो सकती है। 45 पार के लोगों को ऐसा दूध पीने से पेट हमेशा खराब रह सकता है।
क्या होता है लव हार्मोन
दरअसल ऑक्सीटोसिन एक लव हार्मोन है जो इंसानों के शरीर में पाया जाता है।। इसका इस्तेमाल मेडिकल यूज में किया जाता है।। लेकिन दूध की पैदावार को बढ़ाने के लिए इसे इल्लीगल ढंग से मवेशियों को खाने के साथ कंसनट्रेटेड फॉर्म में या फिर इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है।। लेकिन इसका इस्तेमाल न तो मवेशियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।। न ही इंसानों के लिए।। ऐसे में दिल्ली उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद से लोग भी डरे हुए हैं कि कहीं उनके दूध में भी कहीं ऑक्सीटोसिन तो नहीं।।