स्वास्थ्य

इस अध्ययन ने नींद से वंचित लोगों के लिए बढ़ा दी चिंताएं

नींद की कमी के दुष्प्रभाव:   नींद दैनिक जीवन का एक जरूरी हिस्सा है इसे पूरा किये बिना एक स्वस्थ आदमी का संपूर्ण दैनिक जीवन चक्र स्वस्थ नहीं माना जाता है हर आदमी को 7 से 8 घंटे सोना चाहिए कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि आदमी को रात में 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए कम सोने वाले लोगों में चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक बीमारियाँ देखी जाती हैं इस बीच, एक नए शोध ने नींद से वंचित लोगों के लिए और चिंताएं बढ़ा दी हैं अब नींद और सांस की रोग के बीच संबंध का खुलासा हो गया है

कम सोने से अस्थमा की रोग होने का खतरा रहता है

हाल ही में खराब नींद लेने वालों पर एक शोध किया गया अध्ययन में नींद के पैटर्न को देखा गया शोधकर्ताओं ने कहा कि जो लोग कम सोते थे उनमें सामान्य जनसंख्या की तुलना में श्वसन संबंधी रोंगों का खतरा अधिक था उनमें अस्थमा का ख़तरा बढ़ गया था ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि अस्थमा क्या है और इससे कैसे राहत पाई जा सकती है

अस्थमा क्या है?

जीवित रहने के लिए आदमी पर्यावरण से ऑक्सीजन लेता है और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है ऑक्सीजन और अन्य गैसें नाक और मुंह से गुजरती हैं नाक से एक श्वासनली गुजरती है, जो फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाती है जब भी सांस की नली में किसी जानवर, कपड़े, सर्दी या अन्य किसी चीज से एलर्जी हो जाए, सांस की नली सिकुड़ने लगे या इसके कारण फेफड़े काम करना बंद कर दें तो इस परेशानी को अस्थमा बोला जाता है

कैसे बचाएं

अजवाइन को पानी में उबालकर भाप लेना, प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति जैसे योग, ब्लैक कॉफी पीना, अदरक का सेवन करना, अच्छी नींद लेना, पौष्टिक आहार लेना, ठंडी चीजें कम खाना आदि से अस्थमा से बचा जा सकता है अगर कोई परेशानी हो तो चिकित्सक को दिखाने की आवश्यकता है

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