स्वास्थ्य

क्या है विल्सन रोग और क्या है इसके लक्षण…

विल्सन बीमारी एक आनुवंशिक विकार है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित हो सकता है. यह प्रत्येक 30,000 व्यक्तियों में से लगभग 1 को प्रभावित करता है. स्वास्थ्य जानकार बताते हैं कि यह रोग तब होती है जब शरीर में कॉपर की मात्रा अधिक हो जाती है. इस रोग के दौरान लिवर, मस्तिष्क, आंखें, किडनी और दिल सबसे अधिक प्रभावित अंग होते हैं. जानकारों के अनुसार, यदि आप अपने बच्चे में विल्सन बीमारी के लक्षण देखते हैं, तो तुरंत एक प्रतिष्ठित बाल चिकित्सा हेपेटोलॉजिस्ट से परामर्श करना जरूरी है.

विल्सन बीमारी के लक्षण
विल्सन बीमारी के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपके शरीर का कौन सा अंग प्रभावित है. प्रभावित अंग के आधार पर भिन्न-भिन्न लक्षण प्रकट हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, यदि लीवर प्रभावित है, तो आपको कमजोरी, थकान, वजन कम होना, पीलिया, मतली, उल्टी और भूख में कमी का अनुभव हो सकता है.

सबसे अधिक जोखिम में कौन है?
विल्सन बीमारी के पारिवारिक इतिहास वाले व्यक्तियों को सबसे अधिक खतरा होता है. विशेषकर, वे आदमी जिनके माता-पिता, भाई-बहन या बच्चों को यह रोग हो चुकी है, उनमें इसके विकसित होने का खतरा अधिक होता है. विल्सन बीमारी के लक्षण आमतौर पर तब विकसित होते हैं जब आदमी की उम्र 5 से 40 साल के बीच होती है.

आहार संबंधी अनुशंसाएँ और परहेज रणनीतियाँ
विल्सन बीमारी से पीड़ित लोगों को कम तांबे वाले आहार का सेवन करना चाहिए. इसमें डेयरी उत्पाद, चावल, दलिया, चाय, कॉफी और नींबू पानी से परहेज करना शामिल है. नट्स, मशरूम, शेलफिश, चॉकलेट और कोको जैसे उच्च तांबे की मात्रा वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहने की राय दी जाती है.

विल्सन बीमारी के लिए परीक्षण
प्रभावित अंगों के आधार पर विल्सन बीमारी का निदान करने के लिए विभिन्न परीक्षण किए जाते हैं. रक्त परीक्षण, जैसे सीरम सेरुलोप्लास्मिन स्तर, कॉपर मूत्र परीक्षण, यकृत कार्य परीक्षण, अल्ट्रासाउंड, पीटी/आईएनआर परीक्षण और एमआरआई स्कैन, आमतौर पर तांबे के स्तर को मापने और प्रभावित अंगों के कामकाज का आकलन करने के लिए किए जाते हैं.

निष्कर्षतः, विल्सन बीमारी एक गंभीर आनुवंशिक विकार है जिसके लिए शीघ्र चिकित्सा की जरूरत होती है. शीघ्र पता लगाने और प्रबंधन से प्रभावित व्यक्तियों के लिए परिणामों में गौरतलब सुधार हो सकता है. यदि आपको विल्सन बीमारी के किसी भी लक्षण पर शक है, तो तुरंत एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें.

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button