काली गाजर सेहत के लिए क्यों है बेहतर…
लाल और नारंगी रंग की गाजर बहुत पसंद की जाती है। लेकिन काली गाजर इनसे अधिका लाभ वाला मानी जाती है। काली गाजर भी लाल गाजर की तरह ही स्वाद और स्वास्थ्य से भरपूर होती है।
काली गाजर स्वास्थ्य के लिए बेहतर क्यों?
नेशनल सेंटर फॉर बॉयोटेक्नोनोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) पर प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार काली गाजर विटामिन सी, फेनोलिक कंपाउंड, कैरोटीनॉयड और कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होती है।
काली गाजर के औषधीय गुण कोलेस्ट्रॉल, कैंसर और कार्डियोवैस्कुलर, दिल की रोंगों के जोखिम को कम करती है। साथ ही ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी कारगर साबित होती है।
काली गाजर के खाने के फायदे
वजन कम करेः शोध के अनुसार, काली गाजर में पाए जाने वाले पॉलीफेनॉल वजन को कम करने में सहायता करता है। ये पॉलीफेनॉल शरीर के बॉडी मास को करीब 6.7 फीसदी तक और फैट को 7.1 फीसदी तक कम करता है। काली गाजर में पाए जाने वाले एंथोसायनिन फ्लेवोनोइड में एंटी ओबेसिटी असर होता है, जो मोटापे को कम करता है।
दिल का रखे ख्याल
दिल की रोग में काली गाजर लाभ वाला है। रिसर्च के अनुसार काली गाजर में उपस्थित एंटीइंफ्लामेटरी असर और बायोएक्टिव कंपाउंड ब्लड कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोज के स्तर को कम करता है। ब्लड में उपस्थित कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोज लेवल को कम करने से कार्डियोवैस्कुलर यानी दिल से जुड़ी रोंगों के खतरा को कम किया जा सकता है।
गठिया की रोग से दिलाए निजात
गठिया की परेशानी में भी काली गाजर कारगर होती है। रूमेटाइड गठिया का एक कारण ऑक्सीडेटिव क्षति भी है। एंटीऑक्सीडेंट्स से ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को रोका जा सकता है, जो ऑक्सीडेटिव क्षति का कारण बनते हैं। इस प्रकार एंटीऑक्सीडेंट असर ऑक्सीडेटिव डैमेज को कम कर रूमेटाइड गठिया से बचाव कर सकता है।
काली गाजर में एंथोसाइनिडिन्स नामक पॉलीफेनॉल भी होता है। यह पॉलीफेनॉल कोलेजन-प्रेरित गठिया और एंटीजन-प्रेरित गठिया की कठिनाई में मददगार है। गठिया की कम्पलेन होने पर काली गाजर या इसका रस पीना लाभ वाला होता है।
कैंसर से बचाव
काली गाजर का इस्तेमाल कैंसर से बचाव में लाभ वाला है। अध्ययन के अनुसार, काली गाजर में पाया जाने वाला एंथोसायनिन कई तरह के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। एंथोसायनिन कैंसर सेल्स को बढ़ने से तकरीबन 80 फीसदी तक रोकने में सफल माना जाता है। एंथोसायनिन से कोलन, स्तन और प्रोस्टेंट कैंसर की रोकथाम हो सकती है।
दिमाग मजबूत बनाए
काली गाजर खाना न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी लाभ वाला है। गाजर हुई एक रिसर्च के अनुसार, गाजर में थियामिन पोषक तत्व होता है, जिसे विटामिन बी 1 के रूप में भी जाना जाता है। थियामिन न केवल नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र के लिए, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
बीपी कंट्रोल करे
ब्लड प्रेशर को कम करने और उसे कंट्रोल करने के लिए भी काली गाजर अहम है। काली गाजर में एंथोसायनिन फ्लेवोनोइड पाया जाता है। यह फ्लेवोनोइड अन्य शारीरिक परेशानी के साथ ही सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम करता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करे
बढ़ते हुए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में भी काली गाजर लाभ वाला है। काली गाजर में एंथोसायनिन फ्लेवोनोइड होता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को रोकने में मददगार है। काली गाजर में उपस्थित बायोएक्टिव कंपाउंड से ब्लड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम करने में सहायता मिल सकती है।
आंखों को स्वस्थ रखे
आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी काली गाजर का खाना महत्वपूर्ण है। दरअसल, आंखों को स्वस्थ रखने के लिए भी गाजर में उपस्थित एंथोसायनिन फ्लेवोनोइड की ही किरदार है।
रिसर्च के अनुसार, एंथोसायनिन से रात को दिखाई देने की कठिनाई कम हो सकती है। साथ ही काली गाजर से रेटिना में होने वाले सूजन के दौरान फोटोरिसेप्टर सेल्स फंक्शन की नुकसान को रोक सकता है।काली गाजर से जुड़े रिसर्च में ग्लूकोमा (काला मोतिया) पर एंथोसायनिन कैप्सूल का सकारात्मक असर और विजुअल फंक्शन में सुधार देखा गया है। साथ ही काली गाजर विटामिन ए की कमी को भी दूर किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों में विटामिन ए की कमी की परेशानी देखी जा सकती है।
स्किन दमकाए
सेहत के साथ ही त्वचा के लिए भी काली गाजर का इस्तेमाल लाभ वाला है। काली गाजर में विटामिन सी होता है। वहीं, विटामिन सी त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में सहायता कर सकता है। साथ ही विटामिन सी त्वचा को ग्लोइंग बनाने और शरीर में कोलेजन उत्पादन में सहायता करता है। कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो स्किन इलास्टिसिटी को बनाए रखने और झुर्रियों को रोकने के साथ ही उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है।
काली गाजर ऐसे करें इस्तेमाल
- काली गाजर कच्चा खा सकते हैं।
- हलवा बनाते हैं।
- सलाद बनाते हैं।
- फेस पैक भी बना सकते हैं।
- सुखाकर पाउडर भी इस्तेमाल करते हैं।
- जूस निकाल कर पी सकते हैं।
- इससे कांजी बनाते हैं।
- सब्जी, अचार, मुरब्बा भी बनाते हैं।
जरूरत से अधिक काली गाजर खाए तो होगा नुकसान
लो शुगर की दवा खाने वाले इसका इस्तेमाल करने से बचें। इसमें उपस्थित एंथोसायनिन में एंटी-डायबिटिक होता है, जो ब्लड में उपस्थित ग्लूकोज के लेवल को और कम कर सकता है।
काली गाजर को सीधे तौर पर खाने से पहले साफ कर लेना चाहिए अन्यथा खेत में इस्तेमाल नुकसानदायक केमिकल्स पेट में जाकर हानि पहुंचा सकते हैं।
काली गाजर अधिक खाने से पाचन से जुड़ी परेशानी हो सकती है। यदि एलर्जी है तो काली गाजर खाने से बचें।