अंतर्राष्ट्रीय

ईरानी हमले के बाद UN पर भड़का इजराइल, बोला…

यरूशलम: पूरी दुनिया में उथल-पुथल के बीच 13 अप्रैल की मध्य रात्रि को शिया बहुल राष्ट्र ईरान ने अचानक इजराइल पर अंधाधुन्ध हमले कर दिए. ईरान ने इजराइल पर 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन दागे, जिसमे से 99 प्रतिशत मिसाइलों को इजराइल ने हवा में ही मार गिराया. लेकिन, अब इजराइल आग बबूला है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बदल रहे इन घटनाक्रमों के बीच संयुक्त देश सुरक्षा परिषद (UNSC) में ईरान और इजराइल ने एक दूसरे पर जमकर जुबानी तीर छोड़े. इजराइल ने ईरान की आतंकवादी गतिविधियों पर आंख मूंदने के लिए UN को भी लताड़ लगा दी.

इजराइल के राजदूत गिलाद एर्दान (Gilad Erdan) ने UN में बोला कि इजराइल ऐसा राष्ट्र नहीं है, जो बेवजह रोता रहे. हम कई सालों से अपना पक्ष रखते आ रहे हैं और तरराष्ट्रीय समुदाय को जगाने का कोशिश कर रहे हैं, मगर इसका कोई फायदा नहीं हुआ. yadi UNSC हमारे शब्दों पर अमल कर लेता, तो बीती रात हमलों की गूंज से उसे जागना नहीं पड़ता. उन्होंने UN में दो टूक बोला कि आपने हमले के लिए ईरान की आलोचना क्यों नहीं की? इसके बजाए आप नरसंहार करने वाले जिहादियों के लिए रेड कार्पेट बिछा रहे हैं. आप उनके साथ ऐसा सलूक क्यों करते हैं, जैसे वे तनाव की इस वर्तमान स्थिति को कम करने के इच्छुक हैं, जबकि आपको पता है ऐसा नहीं है. ईरान की रणनीति साफ़ रही है कि वे पूरे विश्व में आतंकवादियों को फंडिंग और ट्रेनिंग देता है, ताकि वह वर्चस्व की अपनी योजना को अमलीजामा पहना सके. मगर आज, ईरान का भंडाफोड़ हो गया है. अब वह इससे भाग नहीं सकता. ईरान ने इजराइल पर अपनी धरती से धावा किया है, इसका उत्तर मिलेगा.

 

एर्दान ने बोला कि इस हमले ने अनेक सीमाएं लांघ दी है और अब इजराइल के पास पूरा अधिकार है कि वह इसका उत्तर दे. हम सिर्फ़ शोर-शराबा मचाने वाले देश नहीं हैं. हम साहसी हैं. इजराइल पर इस प्रकार का सीधा धावा होने के बाद हम चुप नहीं बैठेंगे. हम अपने भविष्य को बचाएंगे. उन्होंने बोला कि UN में अब कोई मान मनौव्वल नहीं होगा. कोई तुष्टिकरण नहीं होगा. आज, UNSC को एक्शन लेना होगा. ईरान के आतंक के लिए उसकी निंदा करनी होगी. आज और अभी एक्शन लेना होगा इजराइल के लिए नहीं, मध्य पूर्व के लिए नहीं बल्कि विश्व के भविष्य के लिए. ईरान को आज ही रोकना होगा.

वहीं, UN में ईरान के राजदूत सैयद इरावनी ने बोला है कि ईरान की फ़ौज ने इजराइल के सेना ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल और ड्रोन अटैक किए. ईरान ने UN के चार्टर 51 का पालन करते हुए आत्मरक्षा के कारण यह कदम उठाया. इस चार्टर में साफ बोला गया है कि कोई भी राष्ट्र स्वयं पर हमले और खतरे को देखते हुए आत्मसुरक्षा में धावा कर सकता है. ईरान ने परिषद् में अमेरिका को भी फटकार लगाते हुए बोला कि अमेरिका गाजा नरसंहार में इजराइल की ज़िम्मेदारी से उसे बचाने के लिए ढाल बनकर खड़ा है. जबकि ये हम पर इजरायली हमले को लेकर आंखें बंद कर लेते हैं और गाजा नरसंहार को सही ठहराते हैं.

उन्होंने बोला कि मध्य पूर्व में ईरान का अमेरिका से दो-दो हाथ करने की कोई इरादा नहीं है. हमने शांति को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की है मगर यदि अमेरिका, ईरान, उसके नागरिकों और हितों के विरुद्ध सेना अभियान प्रारम्भ करता है, तो हम उसका मुनासिब रूप से उत्तर देंगे.

जब ईरान ने इजरायल पर दागी मिसाइलें

बता दें कि ईरान ने 13 अप्रैल की आधी रात को यहूदी राष्ट्र पर मिसाइल और ड्रोन दागे थे. ईरान ने इजरायल पर 300 से अधिक भिन्न-भिन्न तरह के ड्रोन अटैक किए थे, जिनमें किलर ड्रोन से लेकर बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइलें तक कई खतरनाक हथियार शामिल थे. इस हमले के फ़ौरन बाद IDF ने अपना एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट कर दिया था. इजराली सेना IDF के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने बोला कि ईरान ने इजरायल पर सीधे अटैक किया है. इजरायल ने एरो एरियल डिफेंस सिस्टम के माध्यम से इन ज्यादातर मिसाइलों को मार गिराया है.  इजरायल ने ईरान के 99 प्रतिशत हवाई हमलों को असफल कर दिया था. इस हमले के बाद अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी राष्ट्र इजरायल की सहायता को आगे आए थे.

बता दें कि एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर अटैक किया गया था. इस हमले में ईरान ने अपने एक टॉप कमांडर समेत कई सेना ऑफिसरों की मृत्यु होने कि बात कही थी. ईरान ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर इजराइल को उत्तरदायी कहा था. यही कारण है कि उसने बदला लेने के लिए इजराइल पर अंधाधुन्ध अटैक किए और इस कार्रवाई को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस का नाम दिया था. ईरान का बोलना है कि उसने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’ इसलिए कोडनेम दिया है, ताकि वो अपने दोस्तों और दुश्मनों को बता सके कि वो जो भी कहता है उसे पूरा करता है. वो सच्चा वादा करना जानता है और उसे निभाना भी जनता है.

 

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