ईरान, इजराइल की हमले ने दुनिया को धकेला तीसरे विश्व युद्ध की ओर…
तेहरान: जहां दुनिया इस समय कई मोर्चों पर जंग लड़ रही है, वहीं ईरान ने इजराइल पर धावा कर एक और मोर्चा खोल दिया है। सीरिया में अपने दूतावास पर इजराइल के हमले का बदला लेने के लिए ईरान ने 13 दिन बाद शनिवार देर रात इजराइल पर 300 से अधिक मिसाइलों और ड्रोन से धावा कर दिया। हालाँकि, इज़राइल का दावा है कि उसने ईरान के 99 फीसदी मिसाइल-ड्रोन को विफल कर दिया है. अब वह ईरान पर जवाबी कार्रवाई करेगा। हालाँकि, अमेरिका ने कथित तौर पर इज़राइल को तुरंत प्रतिक्रिया देने से रोक दिया. दूसरी ओर, ईरान ने दावा किया कि उसने पड़ोसी राष्ट्रों और अमेरिका को 72 घंटे पहले ही ‘सीमित हमले’ के बारे में सूचित कर दिया था. जानकारों का मानना है कि इस हमले ने दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल दिया है।
इज़राइल ने 1 अप्रैल को सीरिया के दमिश्क में ईरान के दूतावास पर धावा किया, जिसमें उसके दो वरिष्ठ जनरलों सहित सात सेना अधिकारी मारे गए. बदला लेने के लिए ईरान ने शनिवार देर रात 170 से अधिक ड्रोन, 120 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल और 30 से अधिक क्रूज मिसाइलों से इजरायल पर धावा कर दिया। बोला जाता है कि ईरान ने इज़राइल की वायु रक्षा प्रणाली से बचने के लिए विभिन्न हथियारों का इस्तेमाल किया है. ईरान ने इस हमले को ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’ बोला है। हमले के बाद ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने बोला कि धावा समाप्त हो गया है। लेकिन यदि इजराइल ने जवाबी कार्रवाई की तो उसे और भी गंभीर प्रतिक्रिया मिलेगी। 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद से इज़राइल के साथ बढ़ती शत्रुता के बावजूद, ईरान ने शनिवार रात को इज़राइल पर अपना पहला सीधा सेना धावा किया. हालांकि, इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली ने हमले को असफल कर दिया. इज़राइल रक्षा बलों ने बोला कि जहां भी जरूरी होगा उनके हमले रोक दिए जाएंगे. इस सिलसिले में इजराइल में वॉर कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई है।
ईरान के हमलों के साथ-साथ लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने भी उत्तरी इज़राइल पर अपने हमले जारी रखे हैं. उत्तर में, इज़राइल ने उत्तरी लेबनान में हिज़्बुल्लाह की हथियार उत्पादन इकाई को उड़ा दिया. इजराइल पर हमले के बाद से मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ गया है। इज़राइल सहित कई मध्य-पूर्वी राष्ट्रों ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है और वाणिज्यिक विमान उड़ानों को डायवर्ट कर दिया है. इजराइल ने अपने हवाई क्षेत्र को सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद कर दिया है. जॉर्डन और लेबनान ने भी अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है. जॉर्डन की हवाई सुरक्षा उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने वाले ईरानी ड्रोन या विमानों को मार गिराने के लिए तैयार है.
ईरान के हमले के बाद अमेरिका खुलकर इजराइल के समर्थन में सामने आ गया है। अमेरिकी रक्षा सचिव ने अपने इजरायली समकक्ष योव गैलेंट से बात की और इस मुश्किल समय में इजरायल को अमेरिकी समर्थन की प्रतिबद्धता व्यक्त की. इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने बोला कि हमने रक्षा प्रणाली को काम पर लगा दिया है। हम किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से टेलीफोन पर बात की। दोनों नेताओं ने वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा की।
इज़रायली सूत्रों का बोलना है कि अमेरिका ने इज़रायल को हमले का तुरंत उत्तर देने से रोका. बिडेन ने बोला है कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन स्थिति को और अधिक बढ़ाने के पक्ष में नहीं होगा. इज़राइल ने ईरान के विरुद्ध तुरन्त जवाबी धावा प्रारम्भ करने की तैयारी की, लेकिन अमेरिका ने उसकी योजना का विरोध किया और उसे धावा करने से रोक दिया.
इस बीच ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीरबदोल्लाही ने दावा किया कि उन्होंने इजरायल पर हमले से 72 घंटे पहले पड़ोसी राष्ट्रों को चेतावनी दी थी। हमने अपने मित्रों और पड़ोसियों को इज़राइल के प्रति अपनी दृढ़, कानूनी और अपरिवर्तनीय प्रतिक्रिया के बारे में सूचित कर दिया है. उन्होंने बोला कि ईरान ने वाशिंगटन को इज़राइल के विरुद्ध ‘सीमित’ और ‘आत्मरक्षात्मक’ हमले की सूचना दी थी. सूत्रों ने आगे बोला कि इजरायल ने ईरानी हमले को असफल कर दिया है, लेकिन इस हमले से उसकी अर्थव्यवस्था को 1.3 अरब $ से अधिक का झटका लगा है। इज़राइल द्वारा ईरानी मिसाइल और ड्रोन हमलों को विफल करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रक्षा प्रणाली के लिए जेट ईंधन, मिसाइल इंटरसेप्टर और अन्य संसाधनों पर 1.3 बिलियन $ खर्च किए गए थे.