अंतर्राष्ट्रीय

ईरान ने इजराइल पर छोड़ी सैकड़ों ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइलें और क्रूज मिसाइलें

तेहरान: तनाव में नाटकीय वृद्धि के तहत, ईरान ने रविवार तड़के इजराइल पर बड़ा धावा किया, जिसमें सैकड़ों ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइलें और क्रूज मिसाइलें छोड़ी गईं. सेना सूत्रों के अनुसार, इस हमले में 300 से अधिक प्रक्षेपण हुए, जिससे पूरे इजराइल में हवाई हमले के सायरन बजने लगे और विस्फोटों से क्षेत्र दहल गया.

रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने हमले को ईरान के लिए एक “महत्वपूर्ण रणनीतिक सफलता” कहा और खुलासा किया कि इसमें 170 ड्रोन, 30 से अधिक क्रूज़ मिसाइलें और 120 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल थीं. जबकि अधिकतर प्रक्षेप्यों को रोक दिया गया था, कई बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायली क्षेत्र तक पहुंचने में सफल रहीं, जिससे एक हवाई अड्डे को हल्की क्षति हुई और एक युवा लड़की सहित नागरिक घायल हो गए.

राष्ट्रपति जो बिडेन ने तुरंत हमले की आलोचना की और इज़राइल के रक्षा प्रयासों के लिए अमेरिकी समर्थन का वादा किया. उन्होंने बढ़ती स्थिति से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों से एकीकृत प्रतिक्रिया की जरूरत पर बल दिया. ईरानी धावा ईरान और इज़राइल के बीच शत्रुता में गौरतलब वृद्धि का प्रतीक है, दोनों राष्ट्रों के बीच पहली बार प्रत्यक्ष सेना विवाद सामने आया है. यह धावा इस महीने की आरंभ में सीरिया में संदिग्ध इजरायली हवाई हमले के बाद बढ़े तनाव के बाद हुआ है, जिसके लिए ईरान ने इजरायल को उत्तरदायी ठहराया था.

संयुक्त राष्ट्र, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी सभी ने ईरान के कार्यों की आलोचना की, और क्षेत्र में और सेना वृद्धि की आसार की चेतावनी दी. इज़राइल की सेना ने अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करने की कसम खाई, हगारी ने पुष्टि की कि सेना राज्य की रक्षा के लिए सभी जरूरी तरीका करेगी. जैसा कि इज़राइल संभावित प्रतिशोध और आगे के हमलों के लिए तैयार है, क्षेत्र हाई अलर्ट पर है, कई स्थानों पर हवाई हमले के सायरन बज रहे हैं और निवासियों से आश्रय लेने का आग्रह किया गया है. मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष की बढ़ती चिंताओं के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका सहित तरराष्ट्रीय समुदाय स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है.

ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए अमेरिका को ईरान के मामलों में किसी भी हस्तक्षेप के विरुद्ध चेतावनी दी. यह घटना क्षेत्र में नाजुक भू-राजनीतिक परिदृश्य और तनाव को कम करने और आगे की अत्याचार को रोकने के लिए राजनयिक प्रयासों की तुरन्त जरूरत को रेखांकित करती है.

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