जर्मनी आधारित अधिकार संगठन वर्ल्ड उइगर कांग्रेस को 2024 के नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा जाएगा…
जर्मनी। जर्मनी आधारित अधिकार संगठन वर्ल्ड उइगर कांग्रेस पार्टी को 2024 के नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इस अधिकार संगठन को मानवाधिकारों के लिए लोगों की आवाज बनने और उइगर के शांति पूर्ण आजादी का समर्थन करने के लिए बुधवार को 2024 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। यह दूसरी बार है, जब इस समूह को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। इससे पहले साल 2023 में भी इस मानवाधिकार संगठन को शांति का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है।
डब्ल्यूयूसी ने एक प्रेस वार्ता में कहा ककि नोबेल पुरस्कार के लिए नामंकन कनाडाई सांसद, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उपसमिति के उपाध्यक्ष एलेक्सिस ब्रुनेले-डुसेप और इतालवी गणराज्य के सीनेटर और पूर्व इतालवी विदेश मंत्री गिउलिओ टेरजी की ओर से प्रस्तुत किया गया था। विश्व उइगर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष डोल्कुन ईसा ने प्रेस विज्ञप्ति में बोला कि विश्व उइगर कांग्रेस पार्टी को लगातार 2 सालों तक नोबेल पुरस्कार के लिए नामित होते देखना गर्व और सम्मान की बात है। यह नामांकन उइगरों के लिए लोकतंत्र और मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए डब्ल्यूयूसी के मूल्यवान प्रयासों की मान्यता में जरूरी सहयोग देता है। ईसा ने बोला कि दो-दो बार नोबेल के शांति के लिए यह नामांकन एक ताकतवर संदेश भेजता है। जो चीन द्वारा किए जा रहे उइगर नरसंहार के खिलाफ कार्रवाई करने की तुरन्त जरूरत पर प्रकाश डालता है।
सत्तावाद के विरुद्ध है ताकतवर संदेश
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए विश्व उइगर कांग्रेस पार्टी का नामांकन सत्तावाद के विरुद्ध एक ताकतवर संदेश भेजता है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए चीनी कम्युनिस्ट की ओर से लागू की गई उइगर मुसलमानों के नरसंहार की नीतियों को स्वीकारना और उसकी आलोचना करना जरूरी है। बयान में बोला गया है कि सीसीपी उइगर मुसलमानों के विरुद्ध है। डब्ल्यूयूसी के नामांकन पत्रों ने अंहिसक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जिसे उइगर लोगों ने सख्त दमन का सामना करते रहने के बावजूद चुना है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस तरह के कोशिश को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।