दुबई में सड़कों पर पानी भर गया, गवर्नमेंट ने लोगों को दी चेतावनी
दुबई में मंगलवार को भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित यह शहर पानी से घिरा हुआ था. प्रमुख राजमार्गों और हवाई अड्डों पर भी पानी भर गया. दोपहर में दोबारा खुलने से पहले दुबई हवाई अड्डे को 25 मिनट के लिए बंद करना पड़ा. ए.पी. प्रेस का बोलना है कि पिछले 24 घंटों में डेढ़ वर्ष की बारिश होने के बाद यह स्थिति बनी है.
दरअसल, सोमवार देर रात से बहुत धीमी गति से बारिश प्रारम्भ हुई और मंगलवार को यह काफी बढ़ गई. दिन के अंत में यह 142 मिमी (5.59 इंच) दर्ज किया गया. दरअसल, दुबई की वार्षिक वर्षा सिर्फ़ 94.7 मिमी है. (3.37 इंच).
जैसे ही दुबई में सड़कों पर पानी भर गया, गवर्नमेंट ने लोगों को चेतावनी दी कि जब तक बहुत महत्वपूर्ण न हो, वे अपने घरों से बाहर न निकलें. ऐसी ही स्थिति ओमान और उसकी राजधानी मस्तक में देखने को मिली.
इस अप्रत्याशित बारिश के बारे में सी.एन.एन. कहा जाता है कि दरअसल, अरब प्रायद्वीप के ऊपर उपस्थित बड़े तूफान सिस्टम (चक्रवाती स्थिति) के कारण अरब प्रायद्वीप से ओमान की खाड़ी और दक्षिणी ईरान की ओर बढ़ने पर भारी बारिश हुई. यूएई और ओमान में कई जगहों पर भारी बारिश के कारण मोटरसाइकिलें भी डूब गईं. बड़े वाहनों को रोकना पड़ा. दुबई मेट्रो स्टेशन पर भी पानी भर गया.
इस संबंध में मौसम बदलाव जानकार और लंदन के इंपीरिया कॉलेज के इंस्टीट्यूट ऑफ क्लाइमेट चेंज के नेता फ्रेडरिक ओटो का बोलना है कि यह घटना ग्लोबल वार्मिंग के कारण हुई होगी. यह भी संभव है कि ओमान और दुबई में भोजन को हानि पहुंचाने वाली ऐसी बारिश के लिए मानव निर्मित मौसमी परिवर्तन अधिक उत्तरदायी हों.
इस बीच मीडिया ने बोला है कि इतनी बारिश ‘काला उद सीडिंग’ (बादलों पर छिड़काव) की वजह से हुई होगी. दरअसल, यूएई ने 2002 से क्लाउड सीडिंग प्रारम्भ की है, जिसमें बादलों के ऊपर हवाई जहाजों से रसायनों और बारीक कणों का छिड़काव किया जाता है. इसमें पोटैशियम क्लोराइड प्रमुख है. इसलिए बादलों का पानी अलग हो जाता है और बारिश के रूप में गिरता है।