दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्रों में फिलीपीन की नौसेना के साथ भी चीन की बढ़ रही हैं झड़प
टोक्योः पूर्वी चीन सागर में जापान और चीन के बीच जबरदस्त ढंग से ठन गई है. टोक्यो में चीन के दूतावास और जापानी मीडिया ने रविवार को बोला कि पूर्वी चीन सागर में दोनों राष्ट्रों के दावे वाले क्षेत्र में चीन के तट रक्षकों ने जापानी सांसदों का सामना किया, जो चीन और उससे जुड़े समुद्री विवादों की श्रृंखला में नवीनतम है. इसके पड़ोसी चीनी जहाजों ने अनिर्दिष्ट कानून प्रवर्तन तरीका किए. चीनी दूतावास ने एक बयान में बोला कि जापान ने उन छोटे, निर्जन द्वीपों के पास उल्लंघन और उकसावे” के लिए गंभीर अगुवाई दर्ज किया था, जिसे बीजिंग डियाओयू और टोक्यो इसे सेनकाकू कहता है. चीन ने इसे जापान की उकसावे वाली कार्रवाई कहा है.
चीनी दूतावास और जापानी सार्वजनिक प्रसारक एनएचके के अनुसार पूर्व रक्षा मंत्री टोमोमी इनाडा सहित जापान का एक समूह ओकिनावा प्रान्त में इशिगाकी शहर द्वारा आयोजित एक निरीक्षण मिशन पर था.
जापान-प्रशासित द्वीपों के आसपास जापान और चीन का बार-बार आमना-सामना होता रहा है. दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्रों में फिलीपीन की नौसेना के साथ भी चीन की झड़पें बढ़ रही हैं, जहां बीजिंग के विस्तृत समुद्री दावों का दक्षिण पूर्व एशिया के कई राष्ट्रों के साथ विवाद होता है. एनएचके ने बोला कि इनाडा के समूह ने शनिवार को द्वीपों के पास तीन घंटे बिताए, क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया और जापानी तट रक्षक जहाज ने चीनी तट रक्षक को रोकने की प्रयास की.
जापान ने बोला सेनकाकू हमारा संप्रभु क्षेत्र
एनएचके के अनुसार, सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी इनाडा ने कहा, “सरकार और जनता गंभीर सुरक्षा स्थिति से अवगत हैं.” “सेनकाकू हमारा संप्रभु क्षेत्र है और हमें अनुसंधान के लिए तट पर जाने की आवश्यकता है.” एनएचके की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 के बाद से जापान की संसद के किसी सदस्य के साथ इस क्षेत्र की यह पहली निरीक्षण यात्रा थी. जापान के विदेश मंत्रालय के अधिकारी टिप्पणी के लिए तुरंत मौजूद नहीं थे. दूतावास ने बोला कि चीन ने जापान से दृढ़तापूर्वक आग्रह किया कि वह दोनों राष्ट्रों के बीच बनी सहमति का पालन करे, सियासी उकसावे, मौके पर होने वाली घटनाओं और जनता की राय को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना बंद करे. ड्रैगन का बोलना है कि उसने जापान से “बातचीत और परामर्श के माध्यम से विरोधाभासों और मतभेदों को ठीक से प्रबंधित करने के ठीक रास्ते पर लौटने के लिए आग्रह किया. ताकि स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोका जा सके.” (रॉयटर्स)