पाकिस्तान अब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के खिलाफ अपना रही सख्त रुख
पाक और अफगानिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पाक अब अफगानिस्तान की तालिबान गवर्नमेंट के विरुद्ध कठोर रुख अपना रहा है.
नतीजतन, पाक ने अपने राष्ट्र में गैरकानूनी रूप से रह रहे अफगान नागरिकों को बाहर निकालने का अभियान तेज कर दिया है. पाकिस्तानी सेना में अधिकारी के रूप में कार्यरत दो अफगान नागरिकों को भी निष्कासित कर दिया गया है.
हाल ही में पाक वायुसेना ने अफगानिस्तान की सीमा पर धावा किया था। जिसमें आठ स्त्रियों की मृत्यु हो गई। इसके बाद दोनों राष्ट्रों के बीच झड़प हो गई है। पाकिस्तान का बोलना है कि अफगानिस्तान में पनाह लिए हुए तहरीक-ए-तालिबान पाक के आतंकवादी पाक में हमले कर रहे हैं और इस वजह से उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक चौंकाने वाला दावा किया और बोला कि सीमा खुली होने के कारण अफगान घुसपैठिए राष्ट्र में प्रवेश करते हैं और यह डॉक्यूमेंट्स भी प्राप्त कर सकते हैं कि वे पाक में रह रहे हैं. जब तक कि उन्हें पाकिस्तानी सेना में भर्ती नहीं किया जा सके। रक्षा मंत्री के तौर पर मैंने दो-तीन फाइलों पर हस्ताक्षर किए हैं जिनमें अफगान सैनिकों को पाक सेना से बर्खास्त किए जाने की बात है। इनमें एक कैप्टन और एक लेफ्टिनेंट था।
गौरतलब है कि पाक ने 31 अक्टूबर से राष्ट्र में गैरकानूनी रूप से रह रहे अफगान नागरिकों को वापस भेजने का अभियान प्रारम्भ किया है और रक्षा मंत्री ने एक पाकिस्तानी अखबार को दिए साक्षात्कार में इस बारे में बात की थी।
एक अनुमान के मुताबिक, पाक में 17 लाख अफगानी नागरिक रहते हैं और उनमें से 14 लाख को शरणार्थी का दर्जा प्राप्त है. पाकिस्तान ने बिना मुनासिब दस्तावेजों के रह रहे लोगों को राष्ट्र छोड़ने का आदेश दिया है और उपरोक्त निर्णय पाक और अफगानिस्तान के बीच पैदा हुई कड़वाहट का एक बड़ा कारण भी है.