प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने आपातकाल की स्थिति की लागू
प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो की गवर्नमेंट ने फरवरी 2022 में Covid-19 टीकाकरण का विरोध कर रहे फ्रीडम कारवां को रोकने के लिए आपातकाल की स्थिति लागू कर दी। ओटावा की संघीय न्यायालय ने इस मुद्दे में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए गवर्नमेंट को आड़े हाथों लिया है।
मंगलवार को दिए निर्णय में जस्टिस रिचर्ड जी। मोस्ले ने बोला है कि आपातकाल लगाने का गवर्नमेंट का निर्णय ठीक नहीं है। सरकार ने अपने पक्ष में जो तर्क दिये हैं, वे ठीक नहीं हैं। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए था।
कनाडा में फरवरी 2022 में आपातकाल लगाया गया था
कोर्ट ने बोला कि 14 फरवरी 2022 को जैसे ही फ्रीडम कारवां आंदोलन 18वें दिन में पहुंचा, गवर्नमेंट ने आपातकालीन एक्ट 1988 के अनुसार आपातकाल लगा दिया। इस बीच गवर्नमेंट ने ओटावा में प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया। इस स्थान पर प्रदर्शनकारियों ने तीन सप्ताह तक डेरा जमाए रखा। अदालत ने बोला कि कानून पारित होने के बाद से कनाडा में इसका इस्तेमाल कभी नहीं किया गया।
न्यायमूर्ति रिचर्ड जी। मोस्ले ने अपने निर्णय में लिखा – ‘मैं यह निष्कर्ष निकालता हूं कि राष्ट्र में कोई राष्ट्रीय आपातकाल नहीं था जिसके लिए आपातकाल अधिनियम लागू करना महत्वपूर्ण हो। सरकार के लिए ऐसा करने का फैसला लेना अनुचित था।’
ट्रूडो गवर्नमेंट इस निर्णय के विरुद्ध न्यायालय जाएगी
इस निर्णय पर उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने कनाडाई मीडिया से कहा, ‘हमारा मानना है कि हमने उस समय जरूरत और कुछ कानूनी कारणों से ऐसा किया था।’ सरकार इस निर्णय के विरुद्ध अपील करेगी।
आपातकाल लगाने के निर्णय को कई नागरिक स्वतंत्रता समूहों, कैनेडियन सिविल लिबर्टीज एसोसिएशन (सीसीएलए) और कैनेडियन कॉन्स्टिट्यूशन फाउंडेशन द्वारा न्यायालय में चुनौती दी गई थी। अपील में विरोध प्रदर्शन में शामिल दो लोग भी शामिल थे। एक रिपोर्ट के अनुसार इन प्रदर्शनकारियों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।