अंतर्राष्ट्रीय

यहूदी देश के समर्थन में खड़ा हुआ अमेरिका !

यरूशलम: ईरान ने रविवार को अपने क्षेत्र से सीधे इजराइल पर ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जो दोनों राष्ट्रों के बीच छाया युद्ध में एक बड़ी वृद्धि का प्रतीक है. इज़राइल की सेना ने बोला कि ईरान से 100 से अधिक ड्रोन लॉन्च किए गए थे, इराक और जॉर्डन के सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि दर्जनों को ऊपर उड़ते हुए देखा गया था. व्हाइट हाउस के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने बोला कि अमेरिका ने “आने वाले लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों” को मार गिराने में इज़राइल की सहायता की. उनका यह बयान ईरानी हमले के बाद बाइडन और इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता के बाद आया है. नेतन्याहू ने इज़राइल के प्रतिशोध के सिद्धांत पर बल देते हुए कहा, “जो कोई भी हमें हानि पहुंचाएगा, हम उन्हें हानि पहुंचाएंगे,” और कहा, “हम किसी भी खतरे के विरुद्ध अपना बचाव करेंगे और ऐसा स्तर-नेतृत्व और दृढ़ संकल्प के साथ करेंगे.

इजरायली सेना ने कहा कि ईरान द्वारा अब तक 100 से अधिक विस्फोटक ड्रोन लॉन्च किए गए हैं. इराक में दो सुरक्षा सूत्रों ने बोला कि दर्जनों ड्रोनों को इराकी हवाई क्षेत्र में ईरान से इज़राइल की ओर उड़ान भरते देखा गया था, जिसे ईरानी प्रेस टीवी ने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा “व्यापक ड्रोन हमले” बोला था. ईरानी रक्षा मंत्री मोहम्मद रज़ा अष्टियानी ने चेतावनी दी कि तेहरान किसी भी राष्ट्र को दृढ़ता से उत्तर देगा जो “इज़राइल द्वारा ईरान पर हमलों के लिए अपना हवाई क्षेत्र या क्षेत्र खोलता है”. ईरानी हमले के बाद प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑयल अवीव में सेना मुख्यालय में इजरायली युद्ध कैबिनेट बुलाई. एक बयान में, उन्होंने इज़राइलियों को आश्वासन दिया कि सभी रक्षात्मक प्रणालियाँ “तैनात” हैं और इज़राइल “रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह से किसी भी परिदृश्य के लिए तैयार है”. उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और अन्य राष्ट्रों को भी उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.

एक वरिष्ठ इज़रायली अधिकारी ने ईरान के हमले के लिए “अभूतपूर्व प्रतिक्रिया” की कसम खाई, और इज़रायलियों से तेहरान के रास्ते में आने वाली घटनाओं के कारण बिस्तर पर न जाने का आग्रह किया. इज़राइल के मीडिया टीवी ने कहा कि ब्रिटिश सेना विमानों ने इराक-सीरिया सीमा क्षेत्रों में कुछ ईरानी ड्रोनों को मार गिराया. इस बीच, ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने एक बयान जारी कर ईरान के “इजरायल पर लापरवाह हमले” की “कड़े शब्दों” में आलोचना की. सुनक ने कहा, “ब्रिटेन इजरायल और जॉर्डन और इराक सहित हमारे सभी क्षेत्रीय साझेदारों की सुरक्षा के लिए खड़ा रहेगा.

जो बिडेन ने ईरानी हमले के बाद अपनी सुरक्षा की रक्षा करने के लिए इज़राइल की “उल्लेखनीय क्षमता” की सराहना की, उन्होंने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बोला कि इसने “अपने दुश्मनों को एक साफ संदेश दिया है कि वे कारगर रूप से इजरायल की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकते”. उन्होंने इज़राइल के प्रति “दृढ़ प्रतिबद्धता” को भी दोहराया और बोला कि वह “ईरान के निर्लज्ज हमले के लिए एकजुट राजनयिक प्रतिक्रिया का समन्वय करने” के लिए सोमवार को जी 7 बैठक बुलाएंगे. ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने अमेरिकी गवर्नमेंट को तेहरान के हितों को हानि पहुंचाने में किसी भी “समर्थन और भागीदारी” की चेतावनी देते हुए बोला कि इसके परिणामस्वरूप “निर्णायक और खेदजनक प्रतिक्रिया” होगी.

सरकारी आईआरएनए समाचार एजेंसी ने एक अनाम अधिकारी के हवाले से कहा कि ईरान ने बोला कि उसने इज़राइल के अंदर लक्ष्यों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान के ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने बोला कि उसने इजरायल के कब्जे वाले गोलान पर रॉकेट दागे. की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अतिरिक्त, यमन के हौथी उपद्रवियों ने ईरान के साथ समन्वय में इज़राइल पर कई ड्रोन लॉन्च किए.

अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, अर्जेंटीना और फ्रांस समेत अन्य राष्ट्रों ने इजराइल पर ईरानी हमले की आलोचना की है. हिंदुस्तान ने तुरन्त तनाव कम करने और धैर्य बरतने का आह्वान किया है. ये प्रतिक्रियाएँ तब आईं जब संयुक्त देश सुरक्षा परिषद स्थिति पर रविवार को एक इमरजेंसी बैठक आयोजित करने वाली है. इज़राइल रक्षा बलों के होम फ्रंट कमांड ने इज़राइलियों को सुरक्षित कमरों के पास रहने के आदेश हटा दिए, जिससे संकेत मिलता है कि ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमले से संबंधित खतरा अभी टल गया है. हालाँकि, टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, सभाओं पर प्रतिबंध और सभी शैक्षणिक गतिविधियों और विद्यालय यात्राओं को रद्द करना लागू रहेगा.

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