हमास के आतंकवादियों की नापाक करतूत की सजा अब भुगत रहे हैं गाजा में रह रहे फिलिस्तीन के मासूम बच्चे
Israle Hamas war Gaza starvation: इजरायल-हमास के बीच जंग जारी है। हमास के आतंकियों की नापाक करतूत की सजा अब गाजा में रह रहे फिलिस्तीन के मासूम बच्चे भुगत रहे हैं। गाजा में राशन पानी की कमी से अकाल का खतरा गहरा गया है। गाजा के अस्पतालों में भुखमरी और कुपोषण के शिकार दर्जनों बीमार बच्चों की हालत खराब है। इजरायल के इंतकाम की आग में निर्दोष बच्चों के शरीर सूख गए हैं और उनकी हड्डी-पसली साफ नजर आ रही हैं।
गाजा पर इजरायल के हमले जारी
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार कई जगहों पर आईडीएफ यानी इजरायली सुरक्षाबलों के हमले जारी हैं। जहां कहीं भी हमास का नामो निशान या उसके आतंकवादी छिपे होने का इनपुट आता है वहां फौरन एयर हड़ताल की जाती है। रिपोर्ट में बोला गया है कि आतंकी संगठन हमास कमजोर हुआ है लेकिन अभी समाप्त नहीं हुआ है।
अस्पताल में कुपोषण के शिकार बच्चों की संख्या बढ़ी, 20 की मौत
गाजा की जंग में मानवाधिकारों का खुला उल्लंघ हो रहा है। हालात भयावाह हैं। गाजा की हालात सीरिया और यमन जैसी हो गई है। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। दाना पानी का संकट है। राशन और सहायता नहीं पहुंच पा रही है। गाजा के अस्पतालों में 20 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। मरने वाले ज्यादातर नवजात बच्चे हैं। सेरेलेक जैसे नवजात बच्चों के फूड आइटम नहीं होने की वजह से भी मुद्दे बढ़े हैं।
नाजियों वाले रास्ते पर है इजरायल?
गाजा में कुपोषण की परेशानी गंभीर हो चुकी है। हेल्थ डिपार्टमेंट की टीमों के अनुसार अस्पतालों में कुपोषण और अन्य रोंगों के शिकार बच्चे भर्ती हैं। जिनका वजन युद्ध प्रारम्भ होने से पहले 12 किलोग्राम था जो अब 6 किलोग्राम रह गया है। संयुक्त देश संघ की एजेंसी के अनुसार सभी को भरपेट खाना खिलाने के लिए महीने में कम से कम 500 ट्रक राशन और दवाओं की आवश्यकता है। लेकिन इजरायल के हमलों के कारण फरवरी में 100 ट्रक राहत सामग्री भी नहीं पहुंच सकी।
ऐसे में अब प्रश्न उठ रहा है कि क्या इजरायल भी नाजियों की राह पर चल रहा है? क्या हमास को समाप्त करने के लिए वहां ऐसा संकट खड़ा किया जा रहा है कि गाजा वीरान हो जाए और वहां कोई जीवित न रह सके। इसलिए खाद्ध संकट खड़ा करके आतंकवाद का समाप्त करने की प्रयास हो रही है ताकि भविष्य में 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमास के हमले की पुनरावृत्ति न हो सके।
फिलिस्तीनियों का बोलना है कि यदि सफेद झंडा लगा राहत सामग्री का ट्रक भी गाजा आता है तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि उस पर इजरायल की मिसाइल या बम नहीं गिरेगा। यानी ऐसे में हालात न सुधरे तो यहां अकाल पड़ना तय है।
नाजीवाद और नाजियों ने क्या किया?
नाजीवाद, जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की विचार धारा थी। जर्मनी के कट्टर राष्ट्रवादी और देशप्रेमी, उस दौर में यहूदियों से नफरत करते थे। नाजी लोग यहूदियों को जर्मनी मे हर बुराई का गुनेहगार मानते थे। जर्मनी मे हिटलर की तानाशाही और सेकेंड वर्ल्ड वार मे यहुदियों के कत्ले-आम के पीछे भी नाजियों का हाथ था। युद्ध के छह वर्षों में नाजियों ने तकरीबन 60 लाख यहूदियों की मर्डर कर दी, जिनमें 15 लाख बच्चे थे। यहूदियों को जड़ से मिटाने के अपने मकसद को हिटलर ने इतने कारगर ढंग से अंजाम दिया कि दुनिया की एक तिहाई यहूदी जनसंख्या समाप्त हो गई थी।