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भारत-कनाडाई समुदाय के एक प्रमुख सदस्य ने कनाडा में पारिस्थितिकी तंत्र पर व्यक्त की गहरी चिंता

भारत-कनाडाई समुदाय के एक प्रमुख सदस्य ने कनाडा में पारिस्थितिकी तंत्र पर गहरी चिंता व्यक्त जताई है बता दें कि बीते दिनों खालिस्तान चरमपंथियों ने उनके नापाक एजेंडे का विरोध करने वालों को अत्याचार करने की धमकी दी है जून में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में एक खालिस्तान समर्थक अलगाववादी की मर्डर पर कनाडा और हिंदुस्तान के बीच राजनयिक गतिरोध के बीच, उन्होंने आगाह किया कि अल्पकालिक फायदा के लिए सियासी तुष्टिकरण कनाडा के भविष्य के भलाई में नहीं है

एक राष्ट्र के रूप में कनाडाई लोगों के रूप में यह हमारे लिए बहुत चिंताजनक है एक राष्ट्र के रूप में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जो कि हमारा चार्टर अधिकार है, उन लोगों को देने की दिशा में जो दिशा ले रहे हैं, जो उसी स्वतंत्रता में विश्वास नहीं करते हैं दूसरों के लिए अभिव्यक्ति कनाडा इण्डिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक, रितेश मलिक ने बताया, शांतिप्रिय कनाडाई (ए) कुछ विचारधारा में विश्वास नहीं करते हैं जो बहुत चरम है, जो कनाडा से संबंधित नहीं है

कनाडा में खालिस्तान चरमपंथियों का जिक्र करते हुए मलिक ने बोला कि ये लोग “समाज में मतभेद पैदा करते हैं और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ते हैं वे एक नापाक एजेंडे के साथ काम करते हैं और दोनों राष्ट्रों के बीच संबंधों को पटरी से उतार रहे हैं अभिव्यक्ति की आज़ादी हर किसी के लिए होनी चाहिए हमने दुर्भाग्य से कनाडा में उस तरह का पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है जहां ये लोग बहुत मुखर, बहुत हिंसक, बहुत आक्रामक हैं, और वे किसी को भी अपने विरुद्ध सामने नहीं आने देते

 

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