अंतर्राष्ट्रीय

ईरानी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को दिया ये बड़ा झटका

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी तीन दिन के पाक दौरे पर पहुंचे हैं. इस मौके पर सोमवार को पाक ने एक बार फिर से इस्लामिक कार्ड खेला. गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहे पाक ने इस दौरान एक तरफ ईरान को कश्मीर के मसले पर साथ देने के लिए धन्यवाद दिया तो वहीं उसके साथ अपने संबंध को सदियों पुराना बताया. पाक के पीएम शहबाज शरीफ ने बोला कि हमारे ईरान से संबंध 76 वर्ष पुराने नहीं हैं बल्कि सदियों के हैं. उन्होंने बोला कि पाक भले ही 1947 में अस्तित्व में आया, लेकिन इस क्षेत्र से ईरान का पुराना नाता रहा है. यही नहीं जब पाक बना तो उसे मान्यता देने वालों में ईरान सबसे आगे था.

यही नहीं पाक के पीएम शहबाज शरीफ ने इस दौरान इब्राहिम रईसी को अपना बिरादरी भाई बताया. रईसी को जान-ए-बारादर संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने बोला कि आपने ऐसे समय में गाजा के लिए आवाज उठाई, जब दुनिया में कोई साथ नहीं दे रहा था. यही नहीं इस दौरान शहबाज शरीफ ने गाजा में मारे गए 35 हजार लोगों को मुसलमानों का शहीद होना करार दिया. इसके अतिरिक्त उन्होंने कश्मीर का भी राग अलापा और गाजा से तुलना करते हुए बोला कि वहां भी हिंदुस्तान के अत्याचार की वजह से मुसलमानों का खून गिर रहा है. शहबाज शरीफ ने दुनिया के मुसलमानों से एकता की अपील भी की.

इस तरह पाक बाज नहीं आया और ईरान के राष्ट्रपति के दौरे पर कश्मीर का मामला उठा दिया. हालांकि इस मुद्दे में ईरान ने उसे करारा झटका दिया. ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने अपने बयान में गाजा के लिए समर्थन करने पर पाक का शुक्रिया अदा किया. इस्लामिक एकता की भी बात कही, लेकिन कश्मीर का नाम तक नहीं लिया. इस तरह पाक का एजेंडा ईरानी राष्ट्रपति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही खड़े-खड़े ध्वस्त कर दिया. उन्होंने खुलकर इस्लामिक एकता की वकालत की और बोला कि आज मुसलमानों को एकजुट रहने की आवश्यकता है. फिर भी कश्मीर के बारे में कुछ नहीं बोला.

बता दें कि सऊदी अरब, तुर्की, ईरान जैसे बड़े मुसलमान राष्ट्रों के नेताओं से मुलाकात के दौरान पाक के नेता कश्मीर का मामला उठाते रहे हैं. हालांकि सऊदी अरब और ईरान जैसे राष्ट्रों से उसे झटका ही लगता रहा है. हालांकि तुर्की कई बार कश्मीर का समस्या उठा चुका है, जिस पर हिंदुस्तान ने आपत्ति भी जताया था. उल्लेखनीय है कि गाजा में इजरायली हमले में अब तक करीब 35 हजार लोग मारे जा चुके हैं. इसके अतिरिक्त इजरायल और ईरान में भी जंग के हालात बने हुए हैं और दोनों एक दूसरे पर एक-एक बार सीधा धावा कर चुके हैं.

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