अंतर्राष्ट्रीय

खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के आरोपी कनाडा कोर्ट में हुए पेश

 खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर के आरोपियों को कनाडा की एक न्यायालय में पेश किया गया. हालांकि सुरक्षा वजहों से उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई. इस हत्याकांड से कनाडा-भारत के संबंधों में तनाव पैदा हो गया है. इस मुद्दे में एडमॉन्टन में रहने वाले भारतीय नागरिकों 22 वर्षीय करण बराड़, 22 वर्षीय कमलप्रीत सिंह और 28 वर्षीय करणप्रीत सिंह को अरैस्ट किया गया और शुक्रवार को उन पर मर्डर और मर्डर की षड्यंत्र रचने का इल्जाम लगाया गया. ‘वैंकूवर सन’ अखबार ने कहा कि सुरे की खचाखच भरी प्रांतीय न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तीनों को भिन्न-भिन्न पेश किया गया.

आरोपियों ने अपने वकीलों से सलाह-मशविरा करने के लिए समय दिए जाने की वजह से 21 मई तक मुकदमे की सुनवाई स्थगित करने पर सहमत हुए. ऐसा माना गया है कि अरैस्ट किए गए लोग उस कथित समूह के सदस्य हैं जिन्हें निज्जर की मर्डर करने का काम सौंपा था. समाचार में बोला गया है कि वे ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में सुरे प्रांतीय न्यायालय में पेश हुए. प्रत्येक आरोपी को कारावास की लाल रंग की टी-शर्ट और पैंट पहने हुए नॉर्थ फ्रेजर प्रीट्रायल सेंटर से भिन्न-भिन्न पेश किया गया. दो आरोपियों को सुबह पेश किया गया जबकि कमलप्रीत सिंह को एक वकील से विचार-विमर्श करने का समय देने के लिए दोपहर के भोजन के बाद पेश किया गया. समाचार में बोला गया है कि तीनों अंग्रेजी भाषा में केस चलाए जाने पर राजी हुए.

आरोपियों ने न्यायालय के सामने निज्जर की मर्डर मुद्दे में बताई ये बात

अदालत के सामने तीनों ने माना कि उन्हें निज्जर की प्रथम-डिग्री मर्डर और मर्डर की षड्यंत्र रचने के आरोपों के बारे में पता है. न्यायालय ने क्राउन अभियोजकों के उस निवेदन को स्वीकार कर लिया कि कनाडा आपराधिक संहिता के अनुसार इन आरोपियों पर सात लोगों से संपर्क करने पर रोक रहेगी. समाचार में बोला गया है कि आदेश में जिन सात लोगों का नाम लिया गया है उनमें निज्जर का बेटा बलराज निज्जर (21) और हरजिंदर निज्जर, मेहताब निज्जर, सरनदीप सहज, हरसिमरनजीत सिंह, अर्शदीप कपूर और मलकीत सिंह शामिल हैं. सुरे के आपराधिक और प्रवासी मामलों के वकील अफान बाजवा ने कहा कि आरोपियों का अगला कदम जमानत के लिए याचिका देना होगा. बहरहाल, बाजवा का इस मुद्दे से कोई संबंध नहीं हैं.

बाजवा ने बोला कि उन्हें जमानत पर रिहा करने की आसार इस पर निर्भर करेगी कि क्या उनके वकील न्यायाधीश के समक्ष मजबूत पैरवी करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें जमानत पर रिहा करना कठिन हो सकता है क्योंकि उनके राष्ट्र छोड़कर भागने का और जन सुरक्षा को खतरा होगा.

सुनवाई के दौरान न्यायालय के बाहर लहराए खालिस्तानी झंडे

अगर मुकदमे की सुनवाई आगे चलती है और उन्हें प्रथम-डिग्री मर्डर का गुनेहगार पाया जाता है तो उन्हें कम से कम 25 वर्ष तक पैरोल पर रिहा करने की कोई गुंजाइश नहीं होगी. मुकदमे की सुनवाई के दौरान सैकड़ों खालिस्तानी समर्थक न्यायालय कक्ष में उपस्थित थे. न्यायालय कक्ष में इतनी भीड़ थी कि सुनवाई देखने की ख़्वाहिश रखने वाले अतिरिक्त 50 लोगों के लिए न्यायालय कक्ष को खोलना पड़ा. न्यायालय कक्ष के बाहर 100 या इससे अधिक लोगों ने सिख अलगाववाद के समर्थन वाले और खालिस्तानी झंडे लहराए. कनाडाई नागरिक निज्जर (45) की 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर मर्डर कर दी गई थी.

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपने राष्ट्र में खालिस्तानी तत्वों से संबंधित कुछ टिप्पणियां करने के कुछ दिनों बाद, हिंदुस्तान ने बृहस्पतिवार को बोला था कि ये टिप्पणियां एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और अत्याचार को मिले सियासी जगह को दर्शाती हैं. हिंदुस्तान ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘‘प्रेरित’’ बताते हुए खारिज कर दिया था. कनाडा में सिख अलगाववादी समूहों की मौजूदगी पर हिंदुस्तान लंबे समय से विरोध जताता रहा है. उसने निज्जर को ‘‘आतंकवादी’’ घोषित किया था.

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