ब्रिटेन ने खालिस्तानियों पर अपनाया सख्त रुख
लंदन: खालिस्तान समर्थकों के लिए कनाडा सुरक्षित पनाहगाह की तरह है. खालिस्तानी समर्थक बिना किसी रोक टोक बड़े आराम से यहां से हिंदुस्तान विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हैं. हिंदुस्तान इसे लेकर कनाडा के सामने अपनी चिंता भी जाहिर कर चुका है लेकिन कनाडा की तरफ से मुनासिब कार्रवाई नहीं की जाती है. वहीं, ब्रिटेन ने खालिस्तानियों पर कठोर रुख अपनाया है. पश्चिमी लंदन में पिछले वर्ष हिंदुस्तान के स्वतंत्रता दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम में भारतीय मूल के दो मर्दों और एक स्त्री पुलिस अधिकारी पर धावा करने के मुद्दे में गुनेहगार ठहराये गए खालिस्तान समर्थक एक सिख कार्यकर्ता को 28 महीने कैद की सजा सुनाई गई है. गुरप्रीत सिंह (26) को आशीष शर्मा और नानक सिंह समेत पुलिस कांस्टेबल जस्टिन निकोल फैरेल पर धावा कर उन्हें घायल करने के मुद्दे में जनवरी में गुनेहगार ठहराया गया था.
28 महीने कैद की सजा
गुरप्रीत सिंह को बुधवार को आइलवर्थ क्राउन न्यायालय में पेश किया गया. घटना पिछले वर्ष 15 अगस्त की रात को साउथ हॉल में हिंदुस्तान के स्वतंत्रता दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी. न्यायालय के एक अधिकारी ने कहा कि गुरप्रीत सिंह को 12 जनवरी को मुद्दे में गुनेहगार ठहराया गया था और अब उसे 28 महीने की कैद की सजा सुनाई गई है. गुरप्रीत सिंह को अपनी सजा पूरी करने के बाद हिंदुस्तान निर्वासित भी किया जा सकता है.
अफवाह ना फैलाएं लोग
मेट्रोपॉलिटन पुलिस अधीक्षक सीन लिंच ने कहा, ”मैं मानता हूं कि यह घटना साउथ हॉल और लंदन तथा उसके आसपास के सिख समुदायों के लिए चिंता का विषय है.” उन्होंने कहा, ”हम इस घटना की सोशल मीडिया पर प्रसारित फुटेज से अवगत हैं. हम लोगों से आग्रह करेंगे कि वो इस घटना को लेकर अफवाहें ना फैलाएं. घायलों में से किसी को भी गंभीर चोट नहीं आई और किसी की मृत्यु नहीं हुई है.”