पाकिस्तान के पूर्व पीएम अली भुट्टो की मौत की सजा पलटने की मांग पार्लियामेंट में हुई तेज
Pakistan News: पाकिस्तान में शहबाज गवर्नमेंट ने शपथ ले ली है। बेनजीर भुट्टो के पति आसिफ अली जरदारी भी राष्ट्रपति बन गए हैं और उनकी पार्टी पीपीपी ने नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल नवाज के साथ मिलकर गवर्नमेंट बनाई है। ऐसे में बेनजीर भुट्टो के पिता और पाक के पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो की मृत्यु की सजा पलटने की मांग पार्लियामेंट में भी तेज हो गई है।
भुट्टो की मृत्यु की सजा पलटने की मांग के बीच बुधवार को पाक की पार्लियामेंट में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इसमें पीपीपी के संस्थापक जुल्फिकार भुट्टो को दी गई मृत्यु की सजा को पलटने की मांग की गई है। यह प्रस्ताव में ऐसे समय पारित हुआ है, जब हाल ही में पाक की शीर्ष न्यायालय ने बोला था कि पूर्व पीएम भुट्टो की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई और इस बहुचर्चित मुद्दे की समीक्षा नहीं की गई।
18 मार्च 1978 को सुनाई गई थी भुट्टो को सजा
दरअसल, लाहौर उच्च न्यायालय ने 18 मार्च 1978 को पीपीपी के संस्थापकों में से एक अहमद रजा कसूरी की मर्डर का आदेश देने के लिए भुट्टो को सजा सुनाई थी। जियो न्यूज ने समाचार के अनुसार पीपीपी की शाजिया मर्री ने नेशनल असेंबली में प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव में भुट्टो के विरुद्ध मुकदमे और गुनाह सिद्धि को इन्साफ की मर्डर के रूप में मान्यता दी गई।
की गई उच्चतम न्यायालय की सराहना
इसमें बेगम नुसरत साहिबा, बेनजीर भुट्टो और पाक पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के उन कार्यकर्ताओं के संघर्ष को याद किया गया है, जिन्होंने इस सच्चाई को स्थापित करने के लिए अपनी जान गंवाई थी। प्रस्ताव में 44 वर्ष पहले के मुद्दे में भुट्टो के साथ हुए अन्याय को स्वीकार करने के लिए उच्चतम न्यायालय की सराहना की गई।
शहबाज शरीफ और गंडापुर के बीच मुलाकात
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में इमरान खान की पार्टी के सीएम ने पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात की। शरीफ ने उनकी धन संबंधी चिंताओं को दूर करने का आश्वासन दिया। इसके अतिरिक्त पीएम ने कारावास में बंद इमरान खान से बैठक कराने की भी प्रतिबद्धता जताई। खैबर पख्तूनख्वा के सीएम अली अमीन गंडापुर ने पीएम के साथ बैठक के बाद मीडिया से वार्ता की। यहां उन्होंने कहा कि चर्चा कानून व्यवस्था, सार्वजनिक मुद्दों और प्रांत के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों पर फोकस थी। पिछले सप्ताह कार्यभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी।