दक्षिण अमेरिकी के इक्वाडोर में सूखे के कारण पूरे देश में बिजली संकट हुई गंभीर
Ecuador Power Crisis : भयंकर गर्मी और मौसम में परिवर्तन के कारण दुनिया के कई राष्ट्र बाढ़-सूखे की स्थिति का सामना कर रहे हैं.
दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र इक्वाडोर में सूखे के कारण पूरे राष्ट्र में बिजली संकट गंभीर हो गया है. इक्वाडोर अपनी बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर जलविद्युत परियोजनाओं पर निर्भर है. वैसे राष्ट्र इस समय अल नीनो के असर के कारण सूखे का सामना कर रहा है, नदियों और जलाशयों में पानी कम हो गया है. जिसके कारण जल विद्युत संयंत्रों के माध्यम से विद्युत उत्पादन पर गंभीर असर पड़ा है.
देश में मांग के मुकाबले बिजली की सप्लाई इस हद तक कम हो गई है कि गवर्नमेंट ने लोगों से कम बिजली इस्तेमाल करने की अपील की है। बिजली संकट के कारण राष्ट्र में जन जीवन भी प्रभावित हुआ है।
इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बोला है कि पानी के बिना हाइड्रो पावर प्लांट चलाना संभव नहीं है। राष्ट्र में बिजली संकट के कारण गवर्नमेंट ने सरकारी और निजी कंपनियों के कर्मचारियों को दो दिन तक घर पर रहने का आदेश दिया है.
इक्वाडोर में बनी इस स्थिति का श्रेय अल नीनो को दिया जाता है. इसके कारण प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से चार से पांच डिग्री अधिक हो गया है. इस गर्मी के कारण समुद्र से चलने वाली हवा की दिशा और गति बदल रही है. इससे मौसमी चक्र गड़बड़ा गया है. पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाओं की ताकत भी कम हो गई है। जिससे इक्वाडोर में वर्षा पैटर्न प्रभावित हुआ है, कम वर्षा ने इस राष्ट्र में सूखे की स्थिति पैदा कर दी है.
अल नीनो ने दुनिया को सबसे अधिक 1982-83 और 1997-98 में प्रभावित किया. 1982-83 में, अल नीनो के कारण पूर्वी गोलार्ध के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 9 से 18 डिग्री ऊपर बढ़ गया और कई राष्ट्रों में मौसम प्रभावित हुआ. 1997-98 में, अल नीनो के असर से इंडोनेशिया में सूखा पड़ा. मलेशिया और फिलीपींस।