अंतर्राष्ट्रीय

संघीय जांच एजेंसी को नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

Important decision of Islamabad High Court : गोपनीय डॉक्यूमेंट्स मुद्दे में उस समय एक नया मोड़ आ गया, जब इस्लामाबाद हाई कोर्ट (Islamabad High Court) ने बोला कि संघीय जांच एजेंसी के पास यह साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है कि कारावास में बंद पूर्व पीएम इमरान खान के पास सीक्रेट राजनयिक डॉक्यूमेंट्स (confidential document) थे और उनके पास से ये गुम हो गए.

खंडपीठ ने सुनवाई मंगलवार को फिर प्रारम्भ की : इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन की खंडपीठ ने मंगलवार को सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स रखने के मुद्दे में 71 वर्षीय इमरान खान और उनकी गवर्नमेंट में विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी को गुनेहगार करार दिए जाने के विरुद्ध उनकी अपीलों पर सुनवाई मंगलवार को फिर प्रारम्भ की थी.

इमरान और कुरैशी को मिली है 10 वर्ष की सजा : पीठ ने पूछा कि अभियोजन एजेंसी के पास यह साबित करने के लिए कोई सामग्री है या नहीं कि इमरान खान के पास सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स थे. पाक तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान को इस मुद्दे में पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी के साथ 10 वर्ष के जेल की सजा सुनाई गई थी.

खान ने इस्लामाबाद में एक सार्वजनिक रैली में कथित रूप से एक सीक्रेट राजनयिक डॉक्यूमेंट्स दिखाया था और दावा किया था कि यह विदेशी शक्तियों द्वारा उनकी गवर्नमेंट के विरुद्ध रची जा रही षड्यंत्र का सबूत है. खान के यह कागज दिखाने के करीब 2 हफ्ते बाद ही उनकी पार्टी की गवर्नमेंट अप्रैल 2022 में अविश्वास मत के जरिए सत्ता से बाहर हो गई थी.

 

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