युद्ध और संघर्ष से बचने के लिए सैकड़ों-हजारों अफगानी पाकिस्तान चले
देश के कार्यवाहक आंतरिक मंत्री ने गुरुवार को बोला कि पाक ने हजारों अफगान नागरिकों सहित गैरकानूनी रूप से राष्ट्र में प्रवेश करने वाले सभी अप्रवासियों को 1 नवंबर की समय सीमा से पहले स्वेच्छा से छोड़ने की अंतिम चेतावनी दी है। अंतरिम आंतरिक मंत्री सरफराज बुगती ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में बोला कि पाक 1 नवंबर के बाद सभी गैर-दस्तावेज अप्रवासियों को हटाने की योजना पर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। पाक ने अक्टूबर में इस कदम की घोषणा की थी। इसमें बोला गया है कि अफगान नागरिकों को गवर्नमेंट और सेना के विरुद्ध अपराधों, स्मग्लिंग और हमलों में शामिल पाए जाने के बाद यह फैसला लिया गया, जिसमें इस वर्ष 24 में से 14 आत्मघाती बम विस्फोट भी शामिल थे।
बुगती ने चेतावनी दी कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां समय सीमा खत्म होने के बाद लोगों को हटाने के लिए अभियान प्रारम्भ करेंगी। उन्होंने यह भी बोला कि अप्रवासियों को सुविधा प्रदान करने या छुपाने में शामिल पाए जाने वाले किसी भी आदमी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अप्रवासी, ज्यादातर अफगानी, जिनमें से कई सालों से पाक में रह रहे हैं, उनका गवर्नमेंट द्वारा स्थापित किए जा रहे अस्थायी केंद्रों में उपचार किया जाएगा। स्वेच्छा से जाने वालों को पाक छोड़ने में सहायता की जाएगी, जैसे कि उनके दस्तावेज़ तैयार करना, मुद्रा विनिमय और परिवहन की अनुमति देना। 1979 में काबुल पर सोवियत आक्रमण के बाद से पाक में अफगान शरणार्थियों की सबसे बड़ी आमद हुई है।
युद्ध और संघर्ष से बचने के लिए सैकड़ों-हजारों अफगानी पाक चले गए, और उनमें से कई गवर्नमेंट और संयुक्त देश एजेंसियों के साथ शरणार्थी के रूप में दर्ज़ हैं। निष्कासन योजना हाल के महीनों में सीमा पर झड़पों के बाद दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच संबंधों में एक नयी गिरावट का प्रतीक है। इस्लामाबाद का इल्जाम है कि आतंकी अफगान धरती का इस्तेमाल लड़ाकों को प्रशिक्षित करने और पाक के अंदर हमलों की योजना बनाने के लिए करते हैं, काबुल इस इल्जाम से इनकार करता है और कहता है कि पाकिस्तानी सुरक्षा एक घरेलू मामला है।